भोपाल
मदद के भाव हमारी प्राचीन संस्कृति का हिस्सा हैं। जीवन को आनंद उत्सव की तरह जीयें और कार्य स्थल पर सकारात्मक सोच रखें। खाद्य आयुक्त श्री कर्मवीर शर्मा ने यह बात आनंद संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय आनंदम सहयोगी कार्यशाला के समापन सत्र में कही। कार्यशाला में विभिन्न जिलों के अधिकारी-कर्मचारियों ने सहभागिता की।
विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी खाद्य विभाग श्रीमती सुकृति सिंह एवं आनंद संस्थान के निदेशक श्री प्रवीण कुमार गंगराड़े ने आनंद संस्थान की अवधारणा और संस्थान की अलग-अलग गतिविधियों के बारे में बताया। तीन दिवसीय कार्यशाला को मास्टर ट्रेनर्स ने स्वयं के जीवन में बदलाव परिवर्तन के अनुभव साझा किए। जीवन का लेखा जोखा, रिश्ते, फ्रीडम गिलास जैसी विधियों और प्रेरक वीडियो फिल्म के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। अल्प विराम कार्यक्रम शांत समय मौन की शक्ति का अनुभव प्रतिभागियों ने स्वयं किया। कार्यक्रम समन्वयक श्री प्रदीप मेहतो ने जीवन को बहती हुई नदी और निदेशक श्री सत्यप्रकाश आर्य ने आनंद को परिभाषित करते जीवन मूल्यों पर विस्तार से बताया।