TIL Desk लखनऊ:मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि 17 जून को ईद उल अजहा यानी बकरीद मनाई जाएगी। और बक़रीद पर 17, 18, 19 जून को कुर्बानी होगी। कुर्बानी के बाद जानवरों को खून नाली में ना बहायें। इससे बीमारी फैलने का डर रहता है। वहीं धर्म में भी यह करना उचित नहीं बताया गया है।
इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया की एडवाजरी जारी करते हुए मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि जिन जानवरों पर कानूनी रोक हैं, उनकी कुर्बानी बिल्कुल ना की जाए। किसी भी पब्लिक प्लेस में कुर्बानी ना हो। कुर्बानी स्लाटर हाऊस में ही किया जाये। कुर्बानी के जानवरों का अवशेष खुले में ना फेंके। अवशेष या खून को कच्ची मिट्टी में दफन कर दें, जो खाद का काम करें।
उन्होंने कहा कि कुर्बानी करते हुए कोई वीडियो या फोटो ना खींची जाये। ना उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाये। हम लोग जो कुर्बानी पेश करेंगे, उसे अल्लाह ताला स्वीकार करे। ईदगाह में ईद उल अजहा की नमाज सत्तरह जून की सुबह दस बजे होगी। इसके लिए तमाम जरुरी इंतजाम कर लिये गये हैं।