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“मैंने बेटी और इतिहासकार होने के बीच सामंजस्य बनाया है।”- प्रो. रीता बहुगुणा जोशी

"I have struck a balance between being a daughter and a historian." - Prof. Rita Bahuguna Joshi

लखनऊ डेस्क/ वाणी प्रकाशन ग्रुप और यूनिवर्सल बुकसेलर के संयुक्त तत्त्वावधान में आज ‘हेमवती नन्दन बहुगुणा: भारतीय जनचेतना के संवाहक/ Hemwati Nandan Bahuguna: A political Crusader’ पर लखनऊ में सारगर्भित चर्चा हुई। कार्यक्रम में हेमवती नन्दन बहुगुणा के राजनीतिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विचारों के विभिन्न आयामों को केन्द्र में रखकर संवाद आयोजित किया गया। पुस्तक की लेखिका प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, वाणी प्रकाशन ग्रुप के मुखिया अरुण माहेश्वरी कार्यक्रम में उपस्थित थे। यूनिवर्सल बुक्सेलर्स के चंद्र प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया और वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल ने कार्यक्रम का संचालन किया।

हेमवती नन्दन बहुगुणा भारतीय मूल्यों और आस्थाओं की प्रत्येक इकाई में विश्वास रखने वाले राजनीतिज्ञ थे। उनकी उपस्थिति में भारतीय राजनीति और स्वतन्त्रता आन्दोलन का मूल्यांकन केवल घटनाक्रम की परिभाषा से कहीं अधिक उच्च आयामों में बदल गया। राष्ट्रभक्ति और भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण उनका जीवन पथ-पथ पर निजी और सार्वजनिक चुनौतियों से सदा भरा रहा। लेकिन अपनी अन्तर्ध्वनि की पहचान की अनुभूति के साथ वे राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को साधते रहे। हेमवती नन्दन बहुगुणा की आधिकारिक जीवनी वाणी प्रकाशन ग्रुप से प्रकाशित एक ऐसी पुस्तक है जो स्वतन्त्र भारत की भावी पीढ़ी को बहुगुणा के समय की राजनीति, समाज, इतिहास और उनमें व्याप्त अन्तर्विरोधों को जानने व समझने का अवसर देती है।

इस अवसर पर पूर्व आईएएस रोहित नंदन, अनीता भटनागर जैन, एमएलसी पवन कुमार सिंह, एमरन फाउंडेशन की अध्यक्ष रेणुका टंडन, सुधीर हलवासिया सहित शहर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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