लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की राजधानी में बंदरों की आबादी तेजी से बढ़ने के साथ ही विभिन्न संगठनों ने बंदरों को डराने के लिए नए-नए तरीके खोजने शुरू कर दिए हैं। लखनऊ में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 मेट्रो स्टेशनों पर लंगूरों के कट-आउट लगाए गए हैं। इसके अलावा, अधिकारी बंदरों के खतरे को रोकने के लिए स्पीकरों पर गुस्से में लंगूरों की रिकॉर्डेड आवाजें भी बजा रहे हैं।
लखनऊ मेट्रो की वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी पुष्पा बिलानी ने कहा, शुरूआत में हमने स्पीकर पर गुस्से वाली लंगूर की आवाजें बजाईं। इसका कुछ असर देखने को मिला, लेकिन ज्यादा नहीं, बंदर काफी स्मार्ट होते हैं। अब, प्रबंधन ने लंगूरों के कट-आउट प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है। इस बीच, हम नकली आवाजें भी बजाना जारी रखेंगे।
लिर्ंगटन क्रॉसिंग पर ओसीआर बिल्डिंग के प्रशासन ने भी इसी तरह के लंगूर कट-आउट लगाए हैं। बिल्डिंग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम के बाद बंदरों का आतंक कुछ हद तक कम हुआ है। चारबाग रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने 45 वर्षीय किस्मत नाम के शख्स को काम पर रखा, जो बंदरों को भगाने के लिए लंगूर की आवाज की नकल करता है।
शख्स ने कहा, मैं यहां रेलवे द्वारा काम पर रखा गया पहला व्यक्ति था। आज, मैं कई अन्य पुरुषों के साथ काम करता हूं, जो लंगूर की आवाज की नकल करते हैं। वे अलीगंज, इंदिरा नगर, आलमबाग और अन्य क्षेत्रों में काम करते हैं। कुछ लोग बंदरों को दूर रखने के लिए लंगूर का मूत्र भी छिड़कते हैं। स्टेशन पर प्रतिदिन लगभग 1 लाख यात्रियों की आवाजाही होती है।
इस बीच, संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) के प्रबंधन ने बंदरों को डराने के लिए वास्तविक लंगूरों को रखा हैं। अधिकारियों ने कहा कि पहल को आंशिक सफलता मिली है। रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन एहतियाती कदम उठाने की बजाय मामले को टाल रहा है।