लखनऊ डेस्क/ लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एलयूटीए) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर 10 और 18 मई को परिसर में दलित प्रोफेसर रविकांत चंदन पर दुर्भाग्यपूर्ण हमलों में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एलयूटीए ने मुख्यमंत्री से 10 मई को प्रोफेसर द्वारा दी गई शिकायत पर प्राथमिकी का आदेश देने का आग्रह किया है।
पत्र में लिखा गया है, लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक रविकांत चंदन के साथ कुछ लोगों द्वारा अभद्र व्यवहार और नारेबाजी आपत्तिजनक है और शिक्षकों का संगठन परिसर में अशांति पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करता है। एलयूटीए प्रमुख विनीत कुमार वर्मा ने कहा कि छात्रों और अन्य लोगों के एक समूह ने परिसर में रविकांत को पीटा और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनके खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए। वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि इस घटना ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को खराब कर दिया है। पत्र में आगे कहा गया, यह बेहद चिंताजनक है कि इस घटना में शामिल किसी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस ने रविकांत की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की, जबकि एक छात्र की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
एलयूटीए प्रमुख ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से परिसर में अफरा-तफरी बढ़ गई और 18 मई को एक छात्र ने डॉक्टर रविकांत पर हमला कर दिया, जिन्होंने पहले ही आशंका व्यक्त कर दी थी कि उन पर हमला हो सकता है। इस घटना ने विश्वविद्यालय में शिक्षक-छात्र संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है। पत्र में कहा गया है कि इन घटनाओं के कारण विश्वविद्यालय के शिक्षक अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।