TIL Desk लखनऊ:👉नए आपराधिक कानून को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया l कार्यशाला में डीजीपी प्रशांत कुमार एडीजी टेक्निकल नवीन अरोरा,डीजी पीआईपी के साथ अन्य अधिकारी मौजूद रहे l
देश मे 25 दिसम्बर 2023 को नए कानून बनाये गए l 1 जुलाई 2024 को देश भर में नए आपराधिक कानून प्रभावी रूप से होंगे लागू l कानून लागू होने के बाद अदालत के निर्णय आने पूरी प्रक्रिया होगा ऑनलाइन l
भारत आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी का इस्तेमाल करने वाला देश बन जायेगा l नए आपराधिक कानून से तीन वर्ष के अंदर न्याय मिल सकेगा l
नए आपराधिक कानून के प्रमुख बिंदु l तीन वर्ष के भीतर पीड़ित को मिल सकेगा न्याय l तारीख पर तारीख के चक्कर से मिलेगी आज़ादी l 35 धाराओं में समय सीमा की गई तय l
इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायत दायर करने के 3 दिनों में दर्ज करनी होगी FIR l यौन उत्पीड़न के मामले में 7 दिनों पूरी करनी होगी जांच l पहली सुनवाई 60 दिनों के भीतर आरोप तय करने का प्रावधान l
भगोड़े अपराधियो की गैर मौजूदगी में 90 दिनों के भीतर केस होगा दर्ज l 45 दिनों के अंदर पूरी होगी आपराधिक मामलों की सुनवाई l छोटे मामलों में सामुदायिक दंड का प्रावधान विधि भारतीय दर्शन के अनुरूप l
5000 रु0 से कम की चोरी में सामुदायिक सेवा का प्रावधान l छह अपराधो में सामुदायिक सेवा का प्रावधान l महिलाओं बच्चों के खिलाफ अपराधो से संबंधित 35 धाराएं जिनमे 13 नए प्रावधान शेष में संशोधन l
सामूहिक बलात्कार 20 साल का कारागार या आजीवन सजा l नाबालिक के सामूहिक बलात्कार में होगी आजीवन सजा, या मौत की सजा l यौन सम्बंध के लिए झूठ बोलकर सम्बंध बनाना होगा अपराध l
पीड़िता का बयान महिला अधिकारी की उपस्थिति में होगा l भोगोड़े अपराधी को 10 साल की होगी सजा l भगोड़े अपराधियो की सम्प्पति जब्त करने के लिए मिलकर कदम उठाए जाएंगे l भगोड़े अपराधी की गैर मौजूदगी में अदालत में चलेगा मुकदमा l
भारत के साथ अन्य देशों में जप्त होगी अपराधी की संपत्ति l अगले 50 सालों में हर संभव तकनीकी बदलाव होंगे l पुलिस कार्यवाई व अदालती कार्यवाई का होगा कम्प्यूटरराइजेशन l ई रेकॉर्ड जीरो FIR ई-FIR चार्जशीट डिजिटल होगी l 7 साल या उससे अधिक सजा के मामलों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य l
जांच में होगा गवाही दर्ज करना अनिवार्य l पुलिस कार्यवाई की पूरी प्रक्रिया की होगी वीडियो ग्राफी l बलात्कार पीड़िता के ई बयान का होगा प्रावधान l अदालत में ऑडियो वीडियो पेश करने का प्रावधान l गवाह अभियुक्त विशेषज्ञ पीड़ित अदालत में वर्चुवल पेश हो सकते है l