झारखंड
लातेहार में मंईयां सम्मान योजना में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। जांच में पाया गया कि कई सरकारी कर्मचारी और संपन्न लोग भी इस योजना का लाभ ले रहे थे। शिक्षक, पुलिसकर्मी, पेंशनधारी, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और संविदा कर्मी भी इस योजना का अनुचित लाभ उठा रहे थे। जिला प्रशासन ने जांच के बाद 42,432 लाभुकों को अपात्र पाया गया और उनका नाम सूची से हटा दिया गया है।
जांच में पाया गया कि योजना का लाभ लेने वालों में पुलिसकर्मियों की पत्नियां, सरकारी पेंशनधारी, शिक्षक, स्वास्थ्य सहिया और अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल थे। इनमें महुआडांड़ की सरकारी पेंशनधारी अनुपमा टोप्पो, हेरहंज की पारा शिक्षक बिलासी देवी, गडगोमा में पुलिसकर्मी की पत्नी विमला देवी, चंदवा में कल्याण विभाग कर्मचारी नूरजहां, लातेहार की स्वास्थ्य सहिया कविता देवी आदि शामिल हैं। जिला प्रशासन ने साफ किया है कि गड़बड़ी में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन के अनुसार, योजना के लिए 122 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है, जिसे सही लाभुकों तक पहुंचाने के लिए सख्त जांच जारी रहेगी।
सबसे ज्यादा गड़बड़ी बालूमाथ प्रखंड में पाई गई
दरअसल, जिले में कुल 1 लाख 48 हजार महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया था। जांच के बाद इन अपात्र महिलाओं के नाम योजना से हटा दिए गए हैं। यह जांच राज्य सरकार के आदेश पर जिला और राज्य स्तर पर की गई। बताया जा रहा है कि जिले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी बालूमाथ प्रखंड में पाई गई है। यहां 7078 महिलाएं अपात्र पाई गईं। इसके बाद लातेहार प्रखंड में 7038, लातेहार शहरी क्षेत्र में 1513, बरियातू में 2954, बरवाडीह में 4803, चंदवा में 5072, गारू में 1559, हेरहंज में 2348, महुआडांड़ में 4417, मनिका में 4963 और सरयू प्रखंड में 687 महिलाओं को अपात्र पाया गया। इन सभी महिलाओं के नाम योजना से हटा दिए गए हैं और अब इन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
पूरे राज्य में 5 लाख से अधिक फर्जी लाभुक होने की आशंका
जानकारी हो कि सरकार ने दिसंबर 2024 में राशि वितरण के बाद सभी जिलों को लाभुकों का सत्यापन करने का निर्देश दिया था। योजना के तहत लाभुक को झारखंड का निवासी होना, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड और आधार लिंक बैंक खाता अनिवार्य था। दिसंबर तक सरकार ने आधार लिंक खाते की शर्त से छूट दी थी, लेकिन जनवरी से यह अनिवार्य हो गया, जिससे कई लाभुकों को राशि नहीं मिल सकी। अभी भी कई लाभुकों के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हैं। ऐसे में विभाग ने राशन कार्ड के आधार पर राशि ट्रांसफर करने का प्रस्ताव तैयार किया है। राज्य में अब तक 40 लाख से अधिक राशन कार्ड का सत्यापन हो चुका है। वहीं दिसंबर 2024 में 56.61 लाख लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया था, लेकिन अब इस संख्या में कमी आ सकती है। पलामू प्रमंडल में करीब 2 लाख फर्जी लाभुक मिले, वहीं पूरे राज्य में 5 लाख से अधिक फर्जी लाभुक होने की आशंका है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि होली से पहले सही लाभुकों को राशि मिल जाए। सत्यापन के बाद जो लोग अयोग्य पाए गए हैं, उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा।