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पंजाब के कई उद्योगपति, कारोबारी और सेवानिवृत्त फौजी इस ठगी का शिकार हो चुके, चल रहा तगड़ा स्कैम

पंजाब 
पंजाब में साइबर ठगों का नेटवर्क लगातार बड़ा होता जा रहा है। अब इन शातिर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए पंजाब के ही लोगों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। किसी को लालच देकर, तो किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर लाखों-करोड़ों की ठगी की जा रही है। पंजाब के कई उद्योगपति, कारोबारी और सेवानिवृत्त फौजी इस ठगी का शिकार हो चुके हैं। ठगों ने “ट्रेडिंग ऐप” के जरिए लोगों को पैसे दोगुने करने का झांसा देकर उनकी जिंदगी भर की कमाई लूट ली। पिछले दो वर्षों में इस तरीके से करीब 150 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हो चुकी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे ठगी रैकेट को चलाने के लिए बाहरी कोई नहीं, बल्कि पंजाबियों को ही मजबूरन इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि मास्टरमाइंड कोई और है। रोजगार की तलाश में कंबोडिया, थाईलैंड और दुबई गए युवाओं से यह ठगी करवाई जा रही है। ये लोग नौकरी के लिए विदेश गए थे लेकिन वहां उनसे जबरन ठगी का काम करवाया जा रहा है। अगर वे मना करें तो उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जाती है। इन युवाओं को बाकायदा ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि ये बड़े-बड़े अफसरों को भी अपनी बातों में फंसा लेते हैं।

कंबोडिया से लौटे युवक ने खोले राज
कंबोडिया के इस जाल में फंसे होशियारपुर के एक युवक को भारत सरकार के प्रयासों से वापस लाया गया। युवक ने बताया कि वह कनाडा जाना चाहता था लेकिन एजेंट ने वीजा रिजेक्ट होने की बात कहकर उसे थाईलैंड भेजा। वहां एक कॉल सेंटर में उसे 1.5 लाख रुपए की सैलरी पर नौकरी ऑफर की गई, जिसमें पंजाबी आना अनिवार्य थी। जब उसने वहां ट्रेनिंग ली तो समझ गया कि यह सब ठगी का काम है। जब उसने इनकार किया तो जेल भेजने की धमकी देकर जबरन काम करवाया गया। युवक ने बताया कि पंजाब ही नहीं, बल्कि केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों के लोग भी वहां ठगी के इस धंधे में जबरन काम कर रहे हैं। उन्हें अपने राज्य के लोगों को फंसाने की ट्रेनिंग दी जाती है।

ADGP साइबर क्राइम का खुलासा: करोड़ों की ठगी हो चुकी
एडीजीपी साइबर क्राइम वी. नीरजा ने बताया कि अब तक इस गिरोह के झांसे में आकर कई लोगों ने करोड़ों रुपये गंवा दिए हैं। करीब 55 मामलों में 1 करोड़ से अधिक का निवेश हुआ, जो ठगी निकला। सबसे ज्यादा मामले अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और बठिंडा जिलों से सामने आए हैं। उन्होंने माना कि जब फोन पर सामने वाला पंजाबी में बात करता है, तो लोग जल्दी भरोसा कर लेते हैं और फिर ठगी के शिकार बन जाते हैं। सरकार और साइबर क्राइम शाखा ने लोगों से अपील की है कि अनजान कॉल या ऐप्स के झांसे में न आएं और किसी भी निवेश से पहले अच्छी तरह जांच करें। 

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