Chhattisgarh, State

कबीरधाम में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 85 जोड़ों का सामूहिक विवाह पारंपरिक रीति-रिवाजों और उत्साह के साथ संपन्न हुआ

रायपुर

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 85 जोड़ों का सामूहिक विवाह पारंपरिक रीति-रिवाजों और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने नवविवाहितों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की।

कार्यक्रम के दौरान नवदम्पतियों को 35-35 हजार रुपये के चेक प्रदान किए गए। सांसद संतोष पाण्डेय, कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी, पूर्व विधायक डॉ. सियाराम साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने भी वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बेटियों के आत्मसम्मान और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य इस योजना को और अधिक व्यापक बनाकर प्रदेश की हर जरूरतमंद बेटी तक इसका लाभ पहुँचाना है। आगामी वर्षों में ऐसे आयोजनों को और भव्य स्वरूप में संपन्न किया जाएगा।

मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह की चिंता दूर हुई है। उन्होंने नवदंपत्तियों को उनके दाम्पत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2005 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में प्रारंभ इस योजना को वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाया गया है।

इस आयोजन की भव्यता तब और बढ़ गई जब कवर्धा शहर के वीर सावरकर भवन से छत्तीसगढ़ी गुदुल बाजा, बैंड और आतिशबाजी के साथ सामूहिक बारात निकाली गई। दूल्हों की बारात का स्वागत जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा पारंपरिक ‘परघौनी’ और डंडा खेल के माध्यम से किया गया, जिसने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया।

महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में प्रत्येक जोड़े पर 50 हजार रुपये का व्यय किया गया, जिसमें से 35 हजार रुपये नकद सहायता और 15 हजार रुपये मूल्य की प्रोत्साहन सामग्री प्रदान की गई। सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में इस योजना के तहत और अधिक बेटियों को सम्मानपूर्वक विवाह का अवसर प्रदान किया जा सके।

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