प्रयागराज
देश के कोने-कोने से लोग प्रयागराज महाकुंभ आ रहे हैं। भीड़ का दबाव इतना कि संगम जाने वाली हर सड़क जाम हो गई है। नेशनल हाईवे से लेकर प्रयागराज शहर में भी गाड़ियां रेंग रही हैं। कई किलोमीटर तक भीषण जाम है। शहर से जुड़े हर मार्ग पर जाम के कारण मेला पहुंचने के लिए लोगों को 20-25 किमी तक पैदल तक चलना पड़ रहा है।
प्रयागराज को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर वाहनों का रेला
प्रयागराज को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, रीवां व कानपुर मार्ग पर सिर्फ वाहनों का लंबा रेला दिख रहा है। वाहनों में फंसे श्रद्धालुओं को मेला तक पहुंचने के लिए तमाम दुश्वारियों से गुजरना पड़ रहा है। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं तक घंटों भूख-प्यास का सामना कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से शहर के बाहर हाईवे किनारे अलग-अलग पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। हालांकि अधिकांश पार्किंग स्थल फुल हो जाने से सड़कों पर ही वाहन फंसे हुए हैं। भीषण जाम को छुड़ाने में सिविल व यातायात पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों तक को तैनात कर दिया गया है। इधर, शहर के बालसन चौराहा, छोटा बघाड़ा, बांगड़ धर्मशाला चौराहा, जानसनगंज चौराहा आदि प्रमुख स्थानों पर पैदल चलना तक दुश्वार हो गया है।
अखिलेश ने पोस्ट कर लिखा कि श्रद्धालुओं का पुरसाहाल कोई है क्या?
वहीं इस जाम पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला। अखिलेश ने पोस्ट कर लिखा कि श्रद्धालुओं का पुरसाहाल कोई है क्या?
अखिलेश यादव ने लिखा कि जाम में फंसे लोग अपने वाहनों में क़ैद घंटों से क़ैद हैं। दैनंदिनी ज़रूरतों के लिए महिलाओं तक के लिए कोई स्थान नहीं है। जो लोग रास्तों में बेसुध हो रहे हैं, उनकी देखभाल का कोई इंतजाम नहीं है। श्रद्धालुओं के मोबाइल फ़ोन की बैटरी ख़त्म हो गयी है, जिससे उनका अपने लोगों से संपर्क टूट गया है। संपर्क और सूचना के अभाव में लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। हालातों पर क़ाबू पाने के लिए कोई ज़िम्मेदार मंत्री या व्यक्ति नहीं दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री तो पूरी तरह से नाकाम साबित हो ही चुके हैं साथ ही प्रयागराज से संबंधित उपमुख्यमंत्री और कई जानेमाने मंत्रीगण नदारद हैं। जिन्हें जनता के बीच होना चाहिए था वो घरों में बैठे हैं। जो सिपाही, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी या सफ़ाईकर्मी दिनरात निष्ठापूर्वक भूखे-प्यासे डटे हैं, उनके भोजन पानी की कोई व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है। अधिकारी कमरों में बैठकर आदेश तो दे रहे हैं लेकिन ज़मीन पर नहीं उतर रहे हैं।
प्रयागराज के नगरवासियों को गंदगी, जाम और महंगाई के सिवा कुछ भी नहीं मिला है। सुनने में आया है कि अब भाजपाई श्रद्धालुओं पर ही ये आरोप लगा रहे हैं कि जब पता है कि हर तरफ़ बद इंतज़ामी फैल गयी है कि तो श्रद्धालु आ ही क्यों रहे हैं। कोई प्रदेश में हादसे के मारे लोगों को अपने हाल पर छोड़कर दूसरे प्रदेश में समारोह में शामिल हो रहा है कोई विदेश चला जा रहा है, श्रद्धालुओं का पुरसाहाल कोई है क्या?