Madhya Pradesh, State

मंत्री परमार ने कहा, इतनी बड़ी संख्या में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में युवाओं का चयन गर्व का विषय

भोपाल

ब्रिटश शासन के समय आइसीएस परीक्षा होती थी। परीक्षा पर अंग्रेजों को घमंड था। उस दौर में वह परीक्षा सुभाषचंद्र बोस ने 23 साल की उम्र में पास की थी और नौकरी को लात मार दी थी। यह इस देश की महानता बताता है। एक चाय वाला आज पीएम है और एक गाय वाला आपके सामने बोल रहा है, यह भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती है।यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित प्रदेश के विद्यार्थियों के समान समारोह में कही। समारोह कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित किया गया था। इस मौके पर पुस्तिका ‘मध्यप्रदेश की प्रतिभाओं का परचम’ का विमोचन किया गया।

 उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, इतनी बड़ी संख्या में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में युवाओं का चयन गर्व का विषय है। आप सबके सहयोग से प्रदेश के सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी। एसीएस अनुपम राजन ने कहा, राष्ट्रीय स्तर पर चयनित 1009 अभ्यर्थियों में से 60 मध्यप्रदेश से हैं। यह दूसरे युवाओं के लिए प्ररेणा देने वाला विषय है। मंदसौर के ऋषभ चौधरी और बालाघाट की फरखंदा कुरैशी ने परीक्षा के अनुभव साझा किए।

ई-ज्ञान सेतु का शुभारंभ
आयोजन में सीएम ने ई-ज्ञान सेतु की शुरुआत की। इससे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्टडी मटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध होगा। इसके भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत कुल 10 जगह डिजिटल स्टूडियो स्थापित किए गए हैं। सीएम ने कहा, मुझे बताया गया कि बच्चे इतने हैं कि मंच छोटा पड़ गया। कामना है कि प्रदेश से इतने प्रतिभागी हों कि मंच के आगे की जगह भी छोटी पड़ जाए। ज्यादातर चयनित उमीदवार सरकारी स्कूलों से निकले हैं। यह गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि कमल कीचड़ में ही खिलता है।
सुगंध बिखेरें: यूपीएससी में चयनित उमीदवारों में से 31 प्रतिभागी हैं, जिन्होंने सरकारी संस्थान से शिक्षा ली है। सीएम ने उमीदवारों को अपना अतीत न भूलने की सलाह दी। कहा कि खुद को चंदन बनाएं, चंदन जब घिसता है, तो अपनी सुगंध घिसने वाले के हाथों में छोड़ देता है। इसी तरह आप भी अपनी सुगंध को बिखेरें।

राज्य स्तरीय हॉकी खिलाड़ी भी हूं और इंदौर टीम का प्रतिनिधित्व भी किया है। 2019 में सीए बनने के बाद ग्वालियर में ऑडिट और टैक्सेशन क्षेत्र में काम के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के लिए नोट्स बनाए। खूब मेहनत की एवं अनुशासन से तैयारी की। जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, वह स्मार्ट तरीके सेतैयारी करें और स्वयं पर विश्वास बनाए रखें।

सोशल मीडिया से दूरी: अभिषेक शर्मा- 38वीं रैंक
निरंतरता-धैर्य के साथ तैयारी की। यूपीएससी में सफलता के लिए सही दिशा और सकारात्मक सोच जरूरी है। मैंने जवाहर नवोदय विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा ली है। मैनिट से स्नातक किया। तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। यूपीएससी की तैयारी जो छात्र कर रहे हैं, वह अपनी कमजोरियों पर ध्यान दें। ठीक करने का प्रयास करें। आत्मविश्वास बनाए रखें।

रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई: फरखंडा कुरैशी- 67वीं रैंक
स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई बालाघाट से हुई। 2019 में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। रोज 8-10 घंटे पढ़ती थी। मुझे डायरी लिखने और नेचर फोटोग्राफी का शौक है। इससे नई ऊर्जा मिलती है। मैंने पिछले वर्षों के प्रश्नों का विश्लेषण किया। फर्क इससे नहीं पड़ता कि आपने सब जीता या नहीं, फर्क इससे पड़ता है कि आपने आखिरी तक हार नहीं मानी।

हर विषय को लेकर बनाईठोस रणनीति: आशीष रघुवंशी- 202वीं रैंक
पहले ही प्रयास में मुझे यह सफलता मिली है। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए (इतिहास) किया। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए सिलेबस और पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र पर पूरा फोकस किया। प्रतिदिन 7 से 8 घंटे तक पढ़ाई की। हर विषय के लिए मेरी अलग रणनीति रही। हर विषय का एक निश्चित स्रोत चुना और इसमें उदाहरण, करंट अफेयर्स आदि को शामिल किया। रोज लिखने की प्रैक्टिस की। जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, वह प्री और मेन्स की तैयारी में संतुलन बनाए रखें और निरंतर तैयारी करें।

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