सीहोर
वीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय, सीहोर और मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (MPCST), भोपाल के बीच शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित किया गया था और इसमें मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर, माननीय मुख्यमंत्री ने STEM शिक्षा में उत्कृष्टता केंद्र (Centre for Excellence in STEM Education) का उद्घाटन किया, जो राज्य में वैज्ञानिक शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक अग्रणी पहल है। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जहां उन्होंने युवा नवाचारकर्ताओं से बातचीत की और उनकी नवीन अनुसंधान और तकनीकी उपलब्धियों की सराहना की।
वीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय के प्रो वाइस-चांसलर डॉ. टी. बी. श्रीधरन और एमपीसीएसटी के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी द्वारा हस्ताक्षरित इस समझौता ज्ञापन (MoU) से शोध, छात्र प्रशिक्षण और बहु-विषयक वैज्ञानिक प्रयासों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस समझौते के तहत, दोनों संस्थान निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग करेंगे:
• नई वैज्ञानिक परियोजनाओं पर संयुक्त शोध।
• छात्रों और संकाय के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं तक पहुंच।
• ज्ञान आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन।
• राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध अनुदानों के लिए संयुक्त प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण।
• शैक्षणिक संसाधनों, वैज्ञानिक प्रकाशनों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आदान-प्रदान।
इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील मध्य प्रदेश के निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने वीआईटी भोपाल और MPCST द्वारा अनुसंधान को बढ़ावा देने और छात्रों के बीच नवाचार को प्रेरित करने के प्रयासों की सराहना की।
मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि STEM शिक्षा में उत्कृष्टता केंद्र और यह समझौता राज्य में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सहयोग विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम में डॉ. पुष्पिंदर सिंह पथेजा, डीन, स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग साइंस एंड इंजीनियरिंग (SCOPE), डॉ. पोन हर्षवर्धनन, डीन, स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग साइंस, इंजीनियरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (SCAI), वीआईटी भोपाल, अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद ,साथ ही प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों और सरकारी अधिकारियों की भागीदारी रही, जिससे यह मध्य प्रदेश में शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक अवसर बन गया।
यह समझौता प्रारंभ में तीन वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा, जिसे आपसी सहमति से पाँच वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है। दोनों संस्थानों ने इस समझौते को प्रभावी ढंग से लागू करने और छात्रों, शोधकर्ताओं तथा व्यापक वैज्ञानिक समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।