लखनऊ डेस्क/ दिग्गज समाजवादी नेता व सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार मंगलवार को सैफई के मेला ग्राउंड में उमड़े जनसैलाब के समक्ष किया गया। यादव के बड़े बेटे व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी।
मुखाग्नि देने से पहले अखिलेश ने सिर पर समाजवादी पार्टी (सपा) की लाल टोपी लगाई। अंतिम संस्कार के दौरान वहां मौजूद लोगों ने ‘नेताजी-अमर रहें’ और ‘मुलायम सिंह यादव-अमर रहें, अमर रहें” के मारे लगाए।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित निजी मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाया गया और उनकी ‘कोठी’ में रखा गया, जहां हजारों लोग ‘नेता जी’ को अंतिम विदा देने पहुंचे। यादव अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे।
यादव को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए मेला ग्राउंड में एक मंच बनाया गया। आज सुबह अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य एक रथ पर मुलायम का पार्थिव शरीर लेकर ‘कोठी’ से मेला ग्राउंड पहुंचे, जहां लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उसे एक विशाल मंच पर रखा गया। रथ मेला ग्राउंड में पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया।
मंच पर अखिलेश यादव के अलावा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव समेत परिवार के कई सदस्य नजर आए। परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले पुष्प चक्र अर्पित कर नेता जी को अंतिम विदाई दी। पूर्व सांसद डिंपल यादव समेत परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव के अंतिम दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ व्हील चेयर पर यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।
करीब दो बजे अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्यों ने नेताजी की अर्थी को कांधा दिया। इसके बाद यादव के पार्थिव शरीर को विश्राम स्थल में चंदन की लकड़ी की चिता पर सजाया गया और करीब चार बजे अखिलेश यादव ने उन्हें नम आंखों से मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के लिए चिता की चंदन की लकड़ी, इत्र, खुशबू, सामग्री आदि कन्नौज से लायी गयी थी।