- संचारी रोगों की रोकथाम के लिए नगर निगम लखनऊ द्वारा ड्रोन के माध्यम से हो रहा मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का छिड़काव
TIL Desk लखनऊ:नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में संचारी रोगों के खात्मे एवं रोकथाम के दृष्टिगत वृहद रूप से योजना तैयार कर अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे कि नगर में इन्हें पनपने से रोका जा सके और आम जन को सुरक्षा प्रदान की जा सके।जिसके तहत जल निकायों में लार्वा को पनपने से रोकने के लिए मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का उपयोग किया जा रहा है। जिससे जल जीवन प्रभावित न होते हुए मच्छरों के लार्वा पर प्रभावी नियंत्रण पाया जाता है।
विशेष संचारी रोग अभियान के संचानल से पूर्व सभी पार्षदों हेतु संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे आम जनमानस को संचारी रोगो के बचाव के प्रति जागरूक किया जा सके। इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक जोन में संयुक्त रूप से टीम बनाकर घर-घर जाकर लार्वा पनपने वाले स्थल जैसे गमले की ट्रे, छत पर रखे प्लास्टिक के डब्बे, नारियल के खोल इत्यादि की जाँच की जाती है एवं लार्वा पाये जाने की दशा में कार्यवाही भी की जाती है।
घर घर जाकर अभियान को गति प्रदान करने के साथ ही सम्पूर्ण नगर में (घंटाघर रोड इत्यादि जगहों पर) ड्रोन के माध्यम से भी मॉस्किटो लार्वासिडल आयल का छिड़काव कराया जा रहा है।जिससे कि पूरी तरह से विशेष संचारी रोग अभियान को सफल बनाया जा सके। इसी क्रम में नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे एरिया जहां पानी का जमाव 3 से 4 दिन तक निरंतर बना रहता है तथा श्रमिक द्वारा काम नहीं किया जा सकता है ऐसे स्थान पर ड्रोन की सहायता से ही छिड़काव की कार्रवाई की जाएगी।
*क्या है मच्छर लार्वसिडल आयल और किस प्रकार करता है कार्य जाने नीचे:-*
मच्छर लार्वसिडल आयल विशेष रूप से मच्छर नियंत्रण के लिए अत्यधिक परिष्कृत पेट्रोलियम डिस्टिलेट के साथ तैयार किया गया है। ये आयल मच्छर के लार्वा को नुकसान पहुंचाकर मच्छर पर प्रभावी नियंत्रण प्रदान करता है। यह लार्वा को गला घोंटकर मारने का कार्य करता है।इस आयल को पानी की सतह पर स्प्रे तकनीक द्वारा एक पतली, निरंतर और स्थिर (कुछ घंटों के लिए) फिल्म बनाकर लगाया जाता है। यह फिल्म ऑक्सीजन को पानी में जाने से रोकती है। एक लार्वा जो सांस लेने के लिए सतह पर आता है उसे ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और इसलिए वह मर जाता है।