Madhya Pradesh, State

10 करोड़ की लागत से नगर निगम का स्विमिंग पूल बना आयाशी का अड्डा हुक्का पार्टी का वीडियो वायरल

उज्जैन

 उज्जैन में नगर निगम द्वारा पिछले दिनों शहरवासियों के लिए बनवाए गए स्वीमिंग पूल की फजीहत होना शुरु हो गई है। इसकी ताजा बानगी बयां करता एक वीडियो स्वीमिंग पूल परिसर में वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ युवक हुक्का पीते नजर आ रहे हैं। इस दौरान वहां कई परिवार और बच्चे भी मौजूद थे।

 बताया जा रहा है कि, यह स्विमिंग पूल करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। इसका संचालन रामा कृष्णा इंटरप्राइजेस नाम की एक निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस स्वीमिंग पूल को 31 मार्च 2025 को ही शहर के आम लोगों के लिए खोला गया है। लेकिन, शहर के युवाओं द्वारा स्वीमिंग पूल क्षेत्र को हुक्का लाउंज बना देने से यहां की निगरानी और संचालन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

एंट्री पॉइंट पर पी रहे थे हुक्का
वायरल हुए वीडियो के बारे में बताया गया है कि यह वीडियो शाम 4:45 बजे का है। इस दौरान कई लोग अपने परिवार के साथ वहां मौजूद थे। पूल के प्रवेश द्वार पर दो युवक हुक्का पी रहे थे। वीडियो बनाने वाले युवक ने जब इस पर आपत्ति जताई तो हुक्का पी रहे युवकों ने उसी को समझाइश देना शुरू कर दिया।

लोगों ने जताया आक्रोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्विमिंग पूल एक ऐसी जगह है जहां परिवार और बच्चे मनोरंजन एवं खेल के लिए आते हैं। ऐसे में प्रवेश द्वार पर हुक्के जैसे नशीले पदार्थों का सेवन न केवल अनुचित है, बल्कि यह बच्चों और परिवारों के लिए असुरक्षित माहौल भी बनाता है। वहीं, एक स्थानीय निवासी ने बताया कि "हम अपने बच्चों को तैराकी सिखाने और मनोरंजन के लिए यहां लाते हैं, लेकिन अगर ऐसी गतिविधियां होंगी, तो हम कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?"

नगर निगम नजर रखे
यह घटना उज्जैन के स्विमिंग पूल के प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि निजी कंपनी को ठेके पर देने के बावजूद नगर निगम की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह सुविधा के संचालन और वहां की गतिविधियों पर नजर रखे।

जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
मैंने वायरल वीडियो देखा है। हम कार्रवाई करेंगे। जांच कराएंगे कि हुक्का पूल के अंदर कैसे लाया गया और कंपनी को भी नोटिस जारी किया जाएगा।
मुकेश टटवाल, महापौर, उज्जैन

वायरल हो रहा ये वीडियो
लोगों का कहना है कि, इस तरह की गतिविधियां बिना रोक-टोक हो सकती हैं तो ये न सिर्फ असुरक्षा का संकेत तो है ही, बल्कि शहर की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, इस मामले में नगर निगम और कंपनी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जनभावनाओं को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि, प्रशासन जल्द ही इस मामले में जांच के आदेश दे सकता है। साथ ही, नागरिकों के हित सर्वोपरि मानकर आगे सुरक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की व्यवस्था कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *