Madhya Pradesh, State

अब कोई भी बचा सकता है जान, लॉन्च किया ‘कोड इमरजेंसी’ ऐप, भोपाल एम्स का क्रांतिकारी कदम

भोपाल
एम्स भोपाल ने गुरुवार को वर्ल्ड इमरजेंसी डे के अवसर पर एक गेम-चेंजिंग मोबाइल ऐप ''कोड इमरजेंसी'' लॉन्च किया है। यह ऐप आम नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों दोनों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है। इस ऐप का शुभारंभ एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डा. अजय सिंह ने किया। ''कोड इमरजेंसी'' ऐप एम्स भोपाल की ''वन स्टेट वन हेल्थ वन इमरजेंसी पालिसी'' पर आधारित है, जिसे 2024 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शुरू किया था। इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि इसे बेहद आसान तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है ऐप
यह ऐप हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध रहेगा। एक बार डाउनलोड करने के बाद यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करता है, जो आपातकालीन स्थितियों में बेहद फायदेमंद है। ऐप में आडियो-विज़ुअल गाइडलाइन्स दी गई हैं, जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति कहीं भी सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर किसी की जान बचा सकता है। इसमें सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त निर्देश शामिल हैं। इसमें एक ड्रापडाउन मेनू भी है, जिससे आप विभिन्न आपातकालीन स्थितियों और बीमारियों के बारे में आसानी से जानकारी पा सकते हैं।
 
डाक्टरों की इस टीम ने बनाया ऐप
एम्स भोपाल की ट्रामा और इमरजेंसी विभाग की टीम ने इस ऐप का बनाने में मदद की। इसमें डा. शहताज खान, डा. श्रुति दुबे और डा. भूपेश्वरी पटेल की अहम भूमिका रही है। इनकी मेहनत और दूरदृष्टि से ही यह जीवन रक्षक ऐप तैयार हो पाया है। ऐप का शुभारंभ करते हुए एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डा. अजय सिंह ने कहा कि यह ऐप जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर मुफ्त में डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा। यह न केवल आम लोगों के लिए, बल्कि डाक्टरों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए भी एक क्रांतिकारी टूल साबित होगा।

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