Madhya Pradesh, State

उज्जैन की वसंत विहार कालोनी में बने तारामंडल में अब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर सरकार डिजिटल गैलरी बनाने जा रही

उज्जैन
खगोल विज्ञान में युवाओं की रुचि बढ़ाने को उज्जैन की वसंत विहार कालोनी में बने तारामंडल में अब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर सरकार डिजिटल गैलरी बनाने जा रही है। ऐसी गैलरी जो व्यापक और आकर्षक अंतरिक्ष अन्वेषण केंद्र के रूप में आगंतुकों को प्रेरित और शिक्षित करेगी। गैलरी में आकाशीय पिंड, अंतरिक्ष यान, उपग्रहों और राकेटों के छोटे आकार के भौतिक मॉडल भी अवलोकनार्थ रखे जाएंगे। एलईडी, स्क्रीन, प्रोजेक्टर, होलोग्राफिक डिस्प्ले और एआर/वीआर सिस्टम के माध्यम से विज्ञान आधारित कहानियां दिखाने, सुनाने की व्यवस्था होगी।

गैलरी तैयार करने को उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने निविदा जारी की है। 23 अप्रैल बीड जमा करने की अंतिम तारीख है। मालूम हो कि सालभर पहले ही उज्जैन स्मार्ट सिटी ने तारा मंडल को आठ करोड़ रुपये खर्च कर थ्रीडी प्रोजेक्शन थियेटर के रूप में अपग्रेड किया था। ये काम भी कंपनी ने अपने हर प्रोजेक्ट की तरह समय सीमा गुजरने के महीनों बाद पूरा किया था। ऐसा किए जाने से तारामंडल पूरे 25 महीने बंद रहा था। बहरहाल यहां थ्रीडी फोके रिजोल्यूशन टेक्नोलाजी आधारित मशीन के माध्यम से अंतरीक्ष की सैर कराने का वास्तविक एहसास कराने की सशुल्क व्यवस्था हैं।

शो की भाषा अंग्रेजी
तारा मंडल में दिखाए जाने वाले शो की भाषा अंग्रेजी है। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण सहित तारे-नक्षरों की स्थिति भी तारामंडल में फिलहाल देखने को नहीं मिल रही। क्योंकि इसका वीडियो उपलब्ध नहीं है। मुख्य रूप से शो में सन् 1961 में अंतरिक्ष पर पड़े इंसान के पहले कदम और 1977 में अंतरिक्ष उड़ान की महत्वपूर्ण घटना (स्पेस शहट आर्बिटर का रोल आउट, वोयाजर) के थ्रीडी वीडियो दिखाए जाने का बंदोबस्त है। नजारे खूबसूरत है, जिन्हें 120 डिग्री झुकती कुर्सी पर बैठ देख सकेंगे। एक शो की दर्शक क्षमता 81 है। प्रवेश पहले आओ, पहले पाओ की नीति पर दिए जाने की बात कही गई है।

अब यह भी जानिए
मध्यप्रदेश की सरकार ने वर्ष 2013 में पांच करोड़ रुपये खर्च कर बसंत विहार कालोनी में हाईब्रिड टेक्नोलाजी बेस्ड तारामंडल बनवाया था। इसका लोकार्पण 12 जून 2013 को भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया था। प्रचार-प्रसार ठीक से न होने से तारा मंडल अधिकांश दिनों में खाली ही रहता। यानि कम ही दर्शक मिलते जिससे मेंटेनेंस खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा। साल 2020 में मेपकास्ट ने तारा मंडल को थ्रीडी फाेर-के रिजुलेशन प्रोजेक्शन थियेटर के रूप में अपग्रेड कराने का प्रस्ताव तैयार किया था, जो 2024 में क्रियान्वित हुआ।

 

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