भोपाल
कलियासोत पहाड़ी स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक अस्पताल अपनी जरूरत की दवाएं खुद बनाने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। यहां प्रदेश की पहली आधुनिक आयुर्वेदिक फार्मेसी का निर्माण कार्य जारी है, जिसे इस साल के अंत तक शुरू करने की योजना है।
यह फार्मेसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी और इसमें जड़ी-बूटियों के प्रसंस्करण, औषधियों की गुणवत्ता परीक्षण, स्वच्छ भंडारण तथा प्रत्यक्ष वितरण की सुविधा होगी। ऐसे पहुंचेगी दवा आम लोगों तक यह आयुर्वेदिक फार्मेसी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को प्रत्यक्ष रूप से औषधियां उपलब्ध कराएगी।
इसके अलावा अस्पताल के माध्यम से प्रदेशभर के सरकारी आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों और दवा वितरण केंद्रों में भी दवाएं भेजी जाएंगी, जिससे अधिक से अधिक मरीजों को लाभ मिल सके।
प्रचार-प्रसार की रणनीति
अस्पताल प्रशासन आयुर्वेदिक दवाओं के लाभ और उपयोगिता को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाएगा। इसमें निश्शुल्क स्वास्थ्य शिविर, सामाजिक संगठनों के सहयोग से जनसभाएं और इंटरनेट मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म्स के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। इसके अलावा आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक कार्यशालाओं और सेमिनारों का भी आयोजन होगा।
दवाओं की कीमत और सुलभता
अस्पताल प्रशासन के अनुसार यहां बनने वाली आयुर्वेदिक दवाएं बाजार दर से काफी सस्ती होंगी। चूंकि दवाएं अस्पताल में ही बनाई जाएंगी, इसलिए मध्यस्थता शुल्क बचेगा, जिससे मरीजों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण औषधियां मिल सकेंगी।
दवा निर्माण की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की निगरानी में उत्पादन होगा। इसके लिए विदेशी उपकरण मंगाए जाएंगे।
इनका कहना है
फार्मेसी भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके बाद उपकरणों की स्थापना और अन्य जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। हमारा लक्ष्य इस साल के अंत तक फार्मेसी शुरू करना है।
इस पहल से प्रदेश में आयुर्वेदिक चिकित्सा को नया बल मिलेगा, जिससे न केवल मरीजों को शुद्ध और प्रभावी औषधियां मिलेंगी, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा का अनुसंधान और विकास भी तेज होगा। डॉ उमेश शुक्ला, डीन, शासकीय पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज।