अयोध्या
राम मंदिर के प्रवेश मार्ग के पास करीब एक माह से रोजाना बड़ी संख्या में लावारिस जूते-चप्पलें जमा हो रहे हैं। नगर निगम अब तक 20 ट्रॉली जूते-चप्पलें यहां से हटवा चुका है। ये लावारिस जूते-चप्पलें अयोध्या व अयोध्या कैंट में बने नगर निगम के रिड्यूज, रिसाइकल, रियूज (RRR) सेंटर पर डंप जा रहे हैं।
असल में महाकुंभ शुरू होने के बाद से प्रयागराज पहुंचने वाले श्रदालु स्नान के बाद बालकराम के दर्शन करने के लिए अयोध्या का रुख कर रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ को सुलभ दर्शन हो सकें व अफरातफरी न हो इसके लिए पिछले 30 दिन से व्यवस्था में यह बदलाव किया गया है। मंदिर परिसर का गेट नंबर-3 खोला गया है।
बालकराम के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को इसी गेट से बाहर निकाला जा रहा है। दर्शन के बाद श्रद्धालु श्रीराम हास्पिटल के आगे निकलते हैं। रामपथ पर वन-वे ट्रैक होने के कारण श्रद्धालुओ को पुन: 5-6 किमी पैदल चलने के बाद उतारे गए जूता स्थल पर आना पड़ता है। इतनी लंबी दूरी के कारण बाहर से आने वाले ज्यादातर लोग जूते-चप्पलें लेने नहीं लौट रहे हैं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्था में बदलाव
दरअसल, अयोध्या में भक्तों की उमड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्थागत बदलाव के चलते राम मंदिर के प्रवेश द्वार के पास करीब एक महीने से रोजाना बड़ी संख्या में लावारिस जूते-चप्पल एकत्र हो रहे हैं। नगर निगम पहले ही वहां से बड़ी संख्या में जूते-चप्पल हटा चुका है। ये जूते-चप्पल तीर्थयात्रियों के हैं, जिन्होंने इन्हें राम पथ पर स्थित मुख्य प्रवेश द्वार गेट संख्या एक पर उतार दिया था।
जूते-चप्पल वापस लेने के लिए तय करनी पड़ती है लंबी दूरी
शुरुआत में, लगभग आधा किलोमीटर का गोलाकार मार्ग पूरा करने के बाद, तीर्थयात्री उसी द्वार (गेट संख्या एक) से बाहर निकलते थे और अपने जूते-चप्पल लेते थे। हालांकि, बढ़ती भीड़ के कारण, अयोध्या प्रशासन ने गेट संख्या तीन और अतिरिक्त द्वारों के माध्यम से निकास को पुनर्निर्देशित किया। इससे प्रवेश बिंदु से अपने जूते-चप्पल वापस पाने के लिए तीर्थयात्रियों को पांच से छह किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती, जिस कारण वे अपने जूते-चप्पल छोड़ दे रहे हैं और नंगे पैर अपने वाहनों या आवास की ओर जा रहे हैं।
महाकुंभ की शुरुआत से ही अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ की शुरुआत से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। मिश्रा ने कहा, "पिछले 30 दिन से व्यवस्थाओं में बदलाव किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भक्तों की अप्रत्याशित भीड़ को बिना किसी अव्यवस्था के आसानी से दर्शन मिल सके।"
रोजाना लाखों की संख्या में लावारिस जूते-चप्पल हटा रहा नगर निगम
उन्होंने कहा, "मंदिर परिसर का गेट संख्या तीन खोल दिया गया है। दर्शन के बाद भक्तों को इस गेट से बाहर निकाला जा रहा है। इसलिए भक्त श्रीराम सरकारी अस्पताल से आगे बढ़ते हैं। रामपथ पर एक-तरफा मार्ग होने के कारण, भक्तों को जूता उतारने वाले क्षेत्र तक पहुंचने के लिए फिर से पांच-छह किलोमीटर चलना पड़ता है।" निगम के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम रोजाना लाखों की संख्या में लावारिस जूते-चप्पल हटा रहा है, उन्हें जेसीबी मशीनों का उपयोग करके इकट्ठा कर रहा है और ट्रॉलियों पर लाद रहा है।