Madhya Pradesh, State

मप्र में राज्यस्तरीय काडर से पुलिसकर्मियों को मिलेगा ट्रांसफर का लाभ, दूसरे जिले में स्थानांतरण का होगा फायदा

भोपाल
 मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षकों का काडर राज्यस्तरीय करने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय तैयार कर रहा है। इसका लाभ यह होगा के उनका शासन की निर्धारित नीति के अंतर्गत एक से दूसरे जिले में स्थानांतरण होने लगेगा।

राज्यस्तरीय काडर में मिलने वाले अन्य लाभ भी उन्हें मिलने लगेंगे। अभी कुछ पुलिसकर्मी अपने गृह जिले से 500 किमी से अधिक दूर पदस्थ होते हैं। पुलिस आरक्षक संवर्ग में बड़ी संख्या ग्वालियर-चंबल अंचल के पुलिसकर्मियों की है।

दूर जिलों में जाना पड़ता है

पास के जिलों में पदस्थापना के बाद चयनित कुछ आरक्षकों को दूर के जिलों में जाना पड़ता है। गृह विभाग और विधि विभाग में प्रस्ताव के परीक्षण के बाद स्वीकृति के लिए इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।

गृह जिला आवंटित करने का नियम नहीं

अभी गृह जिला आवंटित करने का नियम ही नहीं है। गृह जिले के आसपास का जिला भी पुलिसकर्मियों को नहीं मिल पाता। कारण, आरक्षक पद में जिलों से चयन का अनुपात अलग-अलग है। किसी जिले से अधिक लोग चयनित होते हैं तो किसी से कम। जहां से ज्यादा उम्मीदवार चयनित होते हैं, वहां के आरक्षकों में कुछ को पास का जिला मिल जाता है, पर बाकी को दूर जाना पड़ता है।

रिटायरमेंट से 6 महीने पहले मिल पाता है गृह जिला

अभी यह नियम है कि सेवानिृवत होने के एक वर्ष पहले पुलिसकर्मी को गृह जिला आवंटित किया जाता है, पर सच्चाई यह है कि औपचारिकताओं में देरी के चलते सेवा के औसतन छह माह शेष होने पर ही उन्हें गृह जिला मिल पाता है।

बालाघाट, मंडला और डिंडौरी के पुलिसकर्मियों को गृह जिला देने की तैयारी

हालांकि, माओवादी समस्या से पीड़ित बालाघाट, मंडला और डिंडौरी में पुलिसकर्मियों को गृह जिला देने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव भी पुलिस मुख्यालय ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में हुई एक बैठक में प्रस्तुत किया था, जिसका परीक्षण शासन स्तर पर किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *