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बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती पर 15 नवम्बर को होगा कार्यक्रम

बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती पर 15 नवम्बर को होगा कार्यक्रम

TIL Desk Lucknow/ जनजाति लोकनायक बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश जनजाति विकास विभाग, उत्तर प्रदेश, पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ (TRI), उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में जनजाति भागीदारी उत्सव मनाया जा रहा है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 15 नवंबर 2023 को सायं 4:00 बजे उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में किया जाएगा। शुभारंभ कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के माननीय मंत्री, पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण असीम अरुण तथा राज्य मंत्री, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण संजीव कुमार गोंड की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।

भारत सरकार द्वारा जनजाति लोकनायक बिरसा मुंडा के जन्म दिवस समारोह के अवसर पर जनजाति गौरव दिवस की घोषणा की गई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विगत वर्ष 2022 में विभिन्न आयोजन किए गए थे। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ द्वारा सेवाकुंज आश्रम कारीडांड, चप्की सोनभद्र के संयुक्त तत्वावधान में बभनी, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश में जनजाति गौरव दिवस का आयोजन 15 नवंबर 2022 को किया गया था।

इसी श्रृंखला के क्रम में इस वर्ष उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, लखनऊ, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश जनजाति विकास विभाग, उत्तर प्रदेश, पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ (TRI) उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्थापित क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्रों, जवाहर कला केंद्र, जयपुर, भागीदारी भवन लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के सहयोग से “जनजाति भागीदारी उत्सव का आयोजन कर रहा है। उक्त कार्यक्रम में भारतवर्ष के 14 राज्यों से 29 लोक नृत्य जैसे असम से राभा नृत्य, बिहार से संथाली, छत्तीसगढ़ से गैंडी, करमा, झारखंड से पाइका, कर्नाटक से लंबाडी, मध्य प्रदेश से गुदुमबाजा, नागालैंड से नजान्ता राजस्थान से कालबेलिया, सिक्किम से सिंधीउम/ पाकछम, उत्तराखंड से हारूल, टांडी, जम्मू एंड कश्मीर से गोजरी, पश्चिम बंगाल से कोरा, उड़ीसा से दलरवाई तथा उत्तर प्रदेश के जनजाति लोक नृत्य झुमरा, झी झी सहरिया गरदबाजा, डोमकच आदि नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां होंगी। वहीं भारत की विलुप्त हो रही विधाये जैसे नट बहरूपिया बीन, बाउल गायन, भोपा भोपी, कच्ची घोड़ी, जादू एवं कठपुतली के कार्यक्रमों को भी प्रस्तुत किया जाएगा। इस अवसर पर बौद्धिक विमर्श के अन्तर्गत सशक्त जनजाति सशक्त भारत गोष्ठी, जनजाति स्वास्थ्य पर परिचर्चा व सिकिल सेल एनीमिया की रोकथाम पर कार्यशाला, संस्कृति और विकास जनजाति समाज पर विमर्श, स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति स्वतंत्रता सेनानियों पर गोष्ठी, जनजाति शिल्प पर विमर्श, भगवान बिरसा मुण्डा की जीवन गाथा पर नाट्य प्रस्तुति एवं सम्मान एवं समापन समारोह का आयोजन किया जायेगा। जनजाति भागीदारी उत्सव में लोक नृत्य के साथ ही बृहद शिल्प मेले का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न राज्यों से 100 दुकान लगाई जाएगी। उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी साड़ी, बिहार की भागलपुरी सिल्क साड़ी, आंध्र प्रदेश से पोचमपल्ली, महाराष्ट्र से कोसा सिल्क साड़ी, पश्चिम बंगाल की कांधा साड़ी, असम से हैंडलूम साड़ी, नागालैंड से वूलन शॉल, जूते, हिमाचल से शॉल- टोपी छत्तीसगढ़ से लोह, बाम्बू एवं ढोकरा शिल्प, उत्तराखंड से हैंडलूम चादर, राजस्थान की जयपुरी रजाई, कर्नाटक से खिलोने तथा विभिन्न राज्यों के विशिष्ट व्यंजनों के भी स्टॉल लगाए जाएंगे। आयोजन में जनजाति वाद्य यंत्रों की प्रदर्शनी, पुस्तकों के लिए पोथी घर का भी स्टॉल लगाया जाएगा।

कार्यक्रम को विविधता प्रदान करते हुए संगोष्ठी एवं वार्ता तथा खेलकूद और नाट्य मंचन का भी कार्यक्रम होगा। आज दिनांक 8 नवंबर 2023 को सभी आयोजकों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, पर्यटन भवन, लखनऊ में आयोजित की गई। मा० राज्य मंत्री, समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण श्री संजीव कुमार गोंड, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश व जनजाति विकास विभाग, उ०प्र० तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ ( TRI) डॉ० हरिओम द्वारा प्रेस को संबोधित करते हुए “जनजाति भागीदारी उत्सव के आयोजन के बारे में प्रेस को बताया।

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