भोपाल
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में आनंद विभाग संचालित किया जा रहा है। राज्य आनंद संस्थान जनता को आनंदित करने संबंधी गतिविधियों का निरंतर आयोजन कर रहा है। विभाग में अब तक 1 लाख 15 हजार 831 आनंदक पंजीकृत हो चुके हैं। आनंदक विभिन्न प्रशिक्षणों और गतिविधियों के माध्यम से जनता और शासकीय सेवकों को आनंदित करने का कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के बाहर के व्यक्ति भी आनंद विभाग से जुड़ रहे हैं। प्रदेश के बाहर के 884 व्यक्तियों ने आनंदक के रूप में पंजीयन कराया है।
आगर जिले के 1475, अलीराजपुर के 1292, अनूपपुर के 968, अशोकनगर के 2100, बड़वानी के 2352, बालाघाट के 2401, बैतूल के 2983, भिंड के 2831, भोपाल के 4829, बुरहानपुर के 600, छतरपुर के 2098, छिंदवाड़ा के 1560, दमोह के 1338, दतिया के 952, देवास के 2490,धार के 1896, डिंडोरी के 1046, व्यक्तियों ने आनंदक के लिए पंजीयन कराया है। गुना के 1739, ग्वालियर के 2183, हरदा के 1499, इंदौर के 2844, जबलपुर के 7284, झाबुआ के 1399, कटनी के 1975, खंडवा के 2328, खरगोन के 5222, मैहर के 2776, मंडला के 1977, मंदसौर के 1314, मऊगंज के 288, मुरैना के 2300, नर्मदापुरम के 2580, नरसिंहपुर के 1818, नीमच के 1328, निवाड़ी के 526,पांढुर्णा के 320, पन्ना के 2817, रायसेन के 1147, राजगढ़ के 1208, रतलाम के 2377, रीवा के 2381, सागर के 2084, सतना के 1622, सीहोर के 1473, सिवनी के 4421, शहडोल के 1547, शाजापुर के 1744, श्योपुर के 1255, शिवपुरी 3054, सीधी के 1451, सिंगरोली के 1160, टीकमगढ़ के 2123, उज्जैन के 2288, उमरिया के 1339 एवं विदिशा के 4606 व्यक्तियों ने आनंदक के लिए पंजीयन कराया है। आनंदक के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए राज्य आनंद संस्थान की वेबसाइट www.anandsansthanmp.in पर संपर्क कर सकते हैं।
आनंदक के कार्यों से समाज में खुशियों का संचार
आनंदक ने अपने कार्यों के माध्यम से समाज में खुशियों का संचार करने का एक अनोखा प्रयास किया है। आनंदक ने विभिन्न समुदायों में जाकर लोगों को खुशियों का संदेश दिया और उन्हें जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को पहचानने के लिए प्रेरित किया। लोगों को अपने जीवन में सकारात्मकता, समाज में खुशियों का संचार करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है। आनंदक के कार्यों को लोगों ने बहुत पसंद किया है और उन्होंने आनंदक को अपने कार्यों के लिए धन्यवाद दिया है। आनंदको ने बताया कि उनका उद्देश्य लोगों को खुशियों का संदेश देना और समाज में खुशियों का संचार करना है। उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यों को जारी रखेंगे और लोगों को खुशियों का संदेश देते रहेंगे।