प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने के दावे के मामले में मस्जिद कमेटी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका मिला है।
एएसआई द्वारा सर्वे कराए जाने के आदेश के खिलाफ मस्जिद कमेटी की ओर हाई कोर्ट में दाखिल रिवीचन याचिका खारिज हो चुकी है, जिससे मस्जिद के सर्वे का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है।
रिवीचन याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल ने मामले में अंतरिम आदेश को विखंडित करते हुए यह आदेश दिया है।
एडवोकेट शर्मा ने आगे कहा, "आदेश दो बातों पर आएगा: पहला यह कि क्या सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल को सर्वे का आदेश देने का अधिकार था या नहीं। और दूसरा: याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन, संभल की अदालत में सुनी जाएगी, या किसी अन्य अदालत में।" हाई कोर्ट यह तय करेगा कि सर्वे का आदेश सही था या नहीं। साथ ही, यह भी तय करेगा कि मामले की सुनवाई किस अदालत में होगी।
पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को कमेटी ऑफ मैनेजमेंट, शाही जामा मस्जिद, सम्भल को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की स्टेटस रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि विवादित कुआं मस्जिद के बाहर स्थित है। यानी, कुआं मस्जिद की जमीन पर नहीं है।
बेंच ने मुस्लिम पक्ष की दलीलें नामंजूर कीं और फैसला सुनाया. इससे पहले मस्जिद कमेटी ने सर्वे आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में 13 मई को बहस पूरी हो गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हिंदू पक्ष ने हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए संभल सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. हिंदू पक्ष की याचिका पर संभल सिविल कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था.
इस पर मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की पोषणीयता को चुनौती दी. 8 जनवरी 2025 से हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए सिविल कोर्ट के सर्वे आदेश पर रोक लगा रखी थी.
इससे पहले 28 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI को 48 घंटे के अंदर सर्वे और रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
संभल में पिछले साल 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हुआ था, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस घटना के बाद संभल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस पूरी हिंसा की जांच एसआईटी कर रही है. यह मामला कई दिनों तक चर्चा का विषय रहा है.
सर्वे कराने से किसी को क्या दिक्कत, बोले वीएचपी प्रवक्ता
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बसंल ने कहा कि संभल जामा मस्जिद के सर्वे से किसी को क्या ही दिक्कत होगी। भारत का न्यायालय हमेशा सच के साथ होता है। अब कोर्ट ने सर्वे के लिए बोला है। यहां मंदिर की स्थापना होगी।
हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका
संभल जामा मस्जिद सर्वे में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही अब जामा मस्जिद के सर्वे का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए कहा कि सर्वे का मुकदमा आगे चलेगा।