Madhya Pradesh, State

भोपाल मंडल में CEIR पोर्टल के माध्यम से चोरी गया मोबाइल फोन बरामद, रेलवे सुरक्षा बल की डिजिटल सतर्कता लाई रंग

भोपाल

भोपाल मंडल द्वारा यात्रियों की सुविधा और उनकी संपत्ति की सुरक्षा को लेकर लगातार नवाचारों को अपनाया जा रहा है। इसी क्रम में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भोपाल मंडल की साइबर सेल ने पहली बार दूरसंचार विभाग के 'सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR)' पोर्टल के माध्यम से चोरी हुआ मोबाइल फोन सफलतापूर्वक ढूंढ़ निकाला और यात्री को लौटाकर एक ऐतिहासिक पहल की है।

दिनांक 25 अप्रैल 2025 को 'रेल मदद' पोर्टल पर शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें शिकायतकर्ता श्री मुरु द्वारा इटारसी स्टेशन पर यात्रा के दौरान उनका मोबाइल चोरी होने की जानकारी दी गई थी। चूंकि यात्री ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई थी, इसलिए आरपीएफ साइबर सेल द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिकायत का निपटान किया गया।

साइबर सेल, भोपाल ने निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए मोबाइल को CEIR पोर्टल के माध्यम से ब्लॉक किया, जिससे वह उपयोग में नहीं लाया जा सके। दिनांक 26 अप्रैल को मोबाइल को भोपाल क्षेत्र में ट्रेस किया गया, और जांच में पता चला कि यह श्री प्रवीन नामक व्यक्ति के पास है। संबंधित व्यक्ति को संपर्क कर मोबाइल निकटतम आरपीएफ पोस्ट पर जमा कराने के लिए कहा गया, और उन्होंने 30 अप्रैल को आरपीएफ पोस्ट – रानी कमलापति में मोबाइल जमा कर दिया।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि – "यह पहला मौका है जब भोपाल मंडल में CEIR पोर्टल के माध्यम से एक यात्री की खोई हुई संपत्ति को इतनी दक्षता और पारदर्शिता के साथ बरामद कर लौटाया गया है। इस पहल से यात्रियों के बीच भरोसा और रेलवे की छवि दोनों मजबूत होती है।"

ज्ञात हो कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने हाल ही में दूरसंचार विभाग के सहयोग से पूरे देश में CEIR पोर्टल को लागू किया है। यह पोर्टल चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को IMEI नंबर के माध्यम से ब्लॉक, ट्रैक व रिकवर करने में मदद करता है। इसका उद्देश्य मोबाइल चोरी रोकने के साथ-साथ ऐसे उपकरणों की अवैध बिक्री को नियंत्रित करना भी है।

इस प्रयास के माध्यम से रेल यात्री अब रेल मदद, 139 हेल्पलाइन या आरपीएफ से सीधे संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। बिना एफआईआर के भी, CEIR के ज़रिए मोबाइल की रिकवरी की जा सकती है।

भोपाल मंडल की यह सफलता यह दर्शाती है कि अब डिजिटल ट्रैकिंग और तकनीकी दक्षता से लैस रेलवे प्रशासन यात्रियों को न केवल बेहतर सेवा दे रहा है, बल्कि उनकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए भी सजग और सक्रिय है।

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