Madhya Pradesh, State

मध्यप्रदेश में बच्चों और गर्भवती के पोषण आहार में चीनी, नमक, रंग तय मात्रा से ज्यादा

भोपाल 

बच्चों और महिलाओं में मोटापा और हाईपरटेशन की समस्या बढ़ने के बीच केन्द्र ने मध्यप्रदेश सरकार को भी बच्चों और गर्भवतियों के पौष्टिक आहार में चीनी और नमक को नियंत्रित करने का निर्देश दिया है। केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों के मुख्य सचिव और महिला व बाल विकास सचिव को पत्र लिखा है। मंत्रालय ने टेक होम राशन और आंगनबाड़ी से बच्चों और गर्भवतियों को दिए जा रहे आहार में अधिक नमक, चीनी और रंग पाए जाने के बारे में चेताया है।

राज्यों के मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को लिखे पत्र में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्रालय ने ये निर्देश दिए हैं । राशन पैकेट की जांच में चीनी, नमक और अन्य तत्व कहीं अधिक मात्रा में मिले हैं। पत्र के मुताबिक डब्ल्यूएचओ के नियमों के तहत बच्चों और वयस्कों के भोजन में कुल पोषक तत्वों में से शक्कर 10% से कम होनी चाहिए। कुल ऊर्जा का सिर्फ 5% चीनी से आना चाहिए। वहीं, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ न्यूट्रिशन के मुताबिक 2 साल तक के बच्चों के भोजन में अतिरिक्त चीनी नहीं होना चाहिए।पत्र के मुताबिक शक्कर की जगह मिठास के लिए गुड़ का प्रयोग करें। गुड़ भी कुल पोषक तत्वों का 5% से अधिक नहीं होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्रालय के पत्र ने किया हैरान

पत्र में मंत्रालय ने लिखा है कि कहीं-कहीं बच्चों, गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को दिए जा रहे नाश्ते और भोजन में निर्धारित मात्रा से अधिक नमक, चीनी और रंग पाए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के अनुसार इनके आहार में नमक, चीनी और रंगों की मात्रा नियंत्रित की जाए। इससे पहले सरकार ने स्कूली बच्चों के भोजन में चीनी की मात्रा नियंत्रित करने का निर्देश जारी किया था।

कितनी मात्रा हो चीनी-नमक की

डब्ल्यूएचओ के नियमों का हवाला देते हुए केन्द्र ने राज्य से कहा है कि बच्चों और वयस्कों के भोजन में कुल पोषक तत्वों का 10 प्रतिशत शक्कर और कुल ऊर्जा का पांच प्रतिशत नमक होना चाहिए। दूसरी ओर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार दो वर्ष के बच्चों के भोजन में अतिरिक्त चीनी नहीं होनी चाहिए। उनके भोजन में मिठास के लिए शक्कर की जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए और वह भी कुल पोशक तत्वों का सिर्फ पांच प्रतिशत।

अधिक नमक-चीनी से हो रही है ये बीमारियां

मध्य प्रदेश सरकार पोषण आहार योजना के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों से लगभग 80 लाख गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं और छह माह से छह वर्ष के बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। इनके भोजन में अधिक नमक और चीनी की मात्रा होने से इन्हें उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह और दांतों की समस्याएं हो सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *