TIL Desk झांसी:झांसी कारपेंटर का काम करने वाले एक युवक की तीन साल पहले एक लड़की से दोस्ती हुई। दो साल पहले मंदिर में शादी कर ली। इस बीच लड़की का लेखपाल पद पर सेलेक्शन हो गया। जनवरी महीने में ज्वॉइनिंग लेटर मिलते ही लड़की ने रिश्ता तोड़ दिया और लड़के से अलग हो गई। तभी से लड़का पत्नी को वापस पाने के लिए कोर्ट-कचहरी और थाने के चक्कर काट रहा है। बुधवार को जब लेखपालों को कलेक्ट्रेट में नियुक्ति पत्र मिलने की जानकारी उसे मिली तो वह अपनी शिकायत लेकर अफसरों के पास पहुंच गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता नीरज विश्वकर्मा ने बताया कि ‘उसकी पत्नी का नाम रिचा सोनी विश्वकर्मा है। धर्मपत्नी को आज नियुक्ति पत्र मिलना था। यह पता चला तो यहां चले आये। हमारी अभी उनसे मुलाकात नहीं हुई है। ये 18 जनवरी से हमारे साथ नहीं हैं। ये कह रहीं हैं कि हमारी शादी नहीं हुई है। हमने बकायदा रामराजा सरकार के यहां मंदिर में शादी की। मंदिर में फेरे लिए। हमारा सेक्शन 9 का मुकदमा चला। उसमें राजीनामा हुआ। उनके पास कुछ प्रूफ थे। वे साथ ले गईं थी। हमारे पास सेक्शन 9 की डिग्री भी है। पुलिस ने विवेचना में भी उन्हें मेरी धर्मपत्नी कहा है।’
नीरज ने बताया कि ‘अब वे सोचने लगीं हैं कि तुम कारपेंटर हो, हम लेखपाल बन चुके। इनके पास जैसे ही लेखपाल का नियुक्ति पत्र आया, इन्होंने अपने मां-बाप के कहने पर गड़बड़ी कर दी। हमने सेक्शन 9 का मुकदमा दायर किया है। उसमें धर्मपत्नी कोर्ट में नहीं आती हैं। शादी 6 फरवरी 2022 में हुई थी। तीन साल पहले से मुलाकात थी। पहले दोस्त हुए। फिर हमारे बीच प्यार हुआ और हमने शादी कर ली।’
बाइट – नीरज….. (शिकायतकर्ता युवक)