अलवर
अलवर के आंबेडकर नगर स्थित डंपिंग यार्ड में कचरा बीनकर अपना जीवन यापन करने वाले परिवारों ने नगर निगम कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। इन लोगों ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए यार्ड में तैनात जमादार और गार्ड पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
पीड़ितों की शिकायत
कचरा बीनने वाले एक श्रमिक, भारत ने बताया कि लगभग 20-30 परिवार वर्षों से नगर निगम के डंपिंग यार्ड में प्लास्टिक, पॉलीथिन और लोहा-लंगड़ इकट्ठा कर बेचने का कार्य कर रहे हैं, जिससे उनका गुजारा चलता है। लेकिन अब जब वे डंपिंग यार्ड में कचरा बीनने जाते हैं, तो वहां तैनात गार्ड और जमादार मुखराम मीणा उन्हें रोकते हैं और पैसे मांगते हैं।
मारपीट और धमकियों का आरोप
श्रमिकों का आरोप है कि ये गार्ड और जमादार न सिर्फ कचरा बीनने से रोकते हैं, बल्कि पैसे न देने पर मारपीट भी करते हैं। भारत ने बताया कि डंपिंग यार्ड का ठेका इस बार प्रवीण नामक व्यक्ति को दिया गया है, जो कचरा बीनने से नहीं रोकता। लेकिन नगर निगम द्वारा तैनात कर्मचारी लगातार परेशान कर रहे हैं।
आजीविका पर संकट
श्रमिकों का कहना है कि कचरा बीनना ही उनके जीवनयापन का एकमात्र साधन है। पूरे दिन मेहनत करके वे प्लास्टिक, लोहा और अन्य कबाड़ इकट्ठा कर बेचते हैं, जिससे परिवार का पालन-पोषण होता है। लेकिन अब जब उन्हें कचरा बीनने से रोका जा रहा है, तो उनके लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
न्याय की गुहार
इन गरीब परिवारों ने नगर निगम से अपील की है कि जमादार मुखराम मीणा और गार्ड को हटाया जाए और उन्हें कचरा बीनने की अनुमति दी जाए, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।