Madhya Pradesh, State

हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को आयु सीमा में पांच साल की छूट प्रदान करने का आदेश जारी किया

जबलपुर

 मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के पक्ष में राहतकारी आदेश जारी किया है। डबल बेंच ने अपने अंतरिम आदेश में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में उन्हें आयु सीमा में 5 साल की छूट प्रदान करने के अंतरिम आदेश दिया है।

रीवा निवासी ने दायर की थी याचिका

रीवा निवासी पुष्पेंद्र द्विवेदी और अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि शिक्षक चयन परीक्षा की रूल बुक की कंडिका 7.1 और 7.2 में ईडब्ल्यूएस को आरक्षित वर्ग माना गया था। रूल बुक की कंडिका 6.2 में अन्य आरक्षित वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी) को आयु सीमा में छूट दी गई थी। आरक्षित ईडब्ल्यूएस वर्ग को उम्र में किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं गयी है। याचिका में भर्ती नियम की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी थी।

क्या है EWS में उम्र की सीमा का मामला?

दरअसल, रीवा निवासी पुष्पेंद्र द्विवेदी व अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि शिक्षक चयन परीक्षा की रूल बुक की कंडिका 7.1 और 7.2 में ईडब्ल्यूएस को आरक्षित वर्ग माना गया था. रूल बुक की कंडिका 6.2 में अन्य आरक्षित वर्गों (एससी, एसटी, ओबीसी) को आयु सीमा में छूट दी गई थी. वहीं ईडब्ल्यूएस वर्ग को उम्र में किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं गई थी.

आयू सीमा में छूट की मांग

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अधिवक्ता धीरज तिवारी और ईशान सोनी ने तर्क दिया गया कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु सीमा में छूट न देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार और अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता का उल्लंघन है। ईडब्ल्यूएस कोटा को आरक्षित वर्ग में रखे जाने के कारण उम्र सीमा में भी उम्मीदवारों को छूट प्रदान की जानी चाहिए।

डबल बेंच ने सुनवाई पश्चात उक्त ईओडब्ल्यू वर्ग के उम्मीदवारों के लिए राहतकारी अंतरिम आदेश जारी किए। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 11 फरवरी है। कोर्ट के फैसले के बाद 45 की उम्र तक के ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी फॉर्म भर सकेंगे।

कोर्ट में दिए गए ये तर्क

याचिका में कहा गया कि ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु सीमा में छूट न देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार और अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता का उल्लंघन है. याचिका में भर्ती नियम की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई थी. याचिका में राहत चाही गई थी कि ईडब्ल्यूएस कोटा को आरक्षित वर्ग में रखे जाने के कारण उम्र सीमा में भी उम्मीदवारों को छूट प्रदान की जानी चाहिए.
हजारों EWS कैंडिडेट्स को होगा फायदा

युगल पीठ ने सुनवाई के बाद अपने अंतरिम आदेश में ईओडब्ल्यू वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा में पांच साल की छूट प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के बाद 45 वर्ष तक के EWS कैंडिडेट भी शिक्षक चयन परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिससे हजारों कैंडिडेट्स को फायदा होगा. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता धीरज तिवारी व ईशान सोनी ने पैरवी की.

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