बांसवाड़ा
चर्च बन गया मंदिर, प्रार्थना की जगह होगी आरती, पादरी समेत 30 लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म, आज मंदिर में भैरव बाबा की प्रतिमा की स्थापना। यह कोई अफवाह नहीं है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा से सटे दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में यह सब हो रहा है। जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर सोडलादूधा गांव में एक चर्च को मंदिर में बदल दिया गया है। धर्म बदलकर ईसाई बने 30 से अधिक लोगों ने घर वापसी कर हिंदू धर्म अपना लिया है। आज रविवार को पूरे विधि-विधान से चर्च से मंदिर बने स्थान पर भैरव भगवान की प्रतिमा स्थापना की जाएगी। इसका अनुष्ठान शाम को शुरू होगा।
दरअसल, बांसवाड़ा की गांगड़तलाई पंचायत समिति के सोडलादूधा गांव में रहने वाले करीब 45 परिवारों ने कई साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। आसपास के क्षेत्र में भी कई परिवार ईसाई धर्म अपना चुके थे। ऐसे में जिले में जनजाति वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से कार्यरत भारतमाता मंदिर परियोजना ने इन परिवारों को पुनः हिंदू धर्म में लाने के प्रयास किए। इन प्रयासों को सफलता मिला और करीब 30 परिवारों ने घर वापसी कर हिंदू धर्म अपना लिया है। जिसके बाद यहां बने चर्च को मंदिर में बदल दिया गया। आज मंदिर में भैरवजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
39 साल पहले छोड़ा था हिंदू धर्म
अब तक चर्च के पादरी रहे गौतम ने हिंदू धर्म में वापसी कर चर्च को मंदिर में बदलने का काम शुरू कराया था जो अब पूरा हो गया। आदिवासी गोत्र गरासिया से जुड़े गौतम ने बताया कि उन्होंने 30 साल पहले ईसाई धर्म अपनाया था। इसके बाद इस धर्म से जुड़े पदाधिकारी गांव में आने लगे। प्रार्थना और सभा होने लगी। उनके दो बेटे, बहुओं और अन्य परिवार भी ईसाई धर्म से जुड़े तो उन्हें पादरी बना दिया गया। लेकिन, भारत माता परियोजना के तहत गांव के अधिकांश परिवारों ने अपने धर्म में वापसी कर ली है।
स्वयं की जमीन पर बनाया था चर्च
गौतम ने बताया कि उन्होंने पादरी बनने के बाद खुद की जमीन पर करीब तीन साल पहले चर्च बनाया था। चर्च बनने के बाद धर्मसभा में अन्य पादरी भी आने लगे थे। वह चर्च में हर रविवार को प्रार्थना सभा भी करता था। उसके धर्म बदलने पर 45 अन्य ग्रामीणों ने भी धर्म बदला था। गौतम के हिंदू धर्म में वापसी करने के बाद उसके परिवार समेत 30 परिवारों ने भी हिंदू धर्म अपनाया है। चर्च से मंदिर बनने पर उसके शिखर पर धार्मिक ध्वज फहरा रहा हैं।
भगवा रंग में रंगा मंदिर
जो बिल्डिंग अब तक चर्च के रूप में जानी जाती थी। अब वह मंदिर बन गई है। मंदिर को भगवा रंग में रंग दिया गया है। ईसाई धर्म से जुड़े पवित्र चिंह हटा दिए गए हैं। भैरव जी महाराज की प्रतिमा स्थापना के लिए चबूतरा बनाया गया है।
आज होगी भैरव बाबा की स्थापना
गौतम ने बताया कि आज रविवार शाम को मंदिर में भैरव बाबा की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। जिले के तलवाड़ा कस्बे से भैरवजी की प्रतिमा धूमधाम से सोडलादूधा गांव लाई जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिंदू धर्म में लौटने वाले परिवार शामिल होंगे। साथ ही कई अन्य लोग भी जुटेंगे। सभी की सहमति से ही भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।