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प्रदेश सरकार ने सभी निजी स्कूलों को 25 प्रतिशत सीटों पर देना होगा एडमिशन, गरीब बच्चों को मिलेगी फ्री शिक्षा

चंडीगढ़
हरियाणा में सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को पहली कक्षा और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों को दाखिला देना होगा। प्रदेश सरकार ने सभी निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 का हर हाल में पालन करने के निर्देश दिए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को आरक्षित सीट पर दाखिला नहीं देने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने शनिवार को कहा कि सभी निजी स्कूलों को निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन करना होगा। अभिभावक उज्ज्वल पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह पोर्टल पहली बार बनाया गया है ताकि दाखिला प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। गरीब छात्र नियमानुसार एक किलोमीटर के दायरे में स्थित स्कूलों में दाखिले के पात्र होंगे।

अभिभावकों की उपस्थिति में निकलेगा ड्रॉ
जिन स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों से अधिक ऑनलाइन दाखिले फार्म प्राप्त होंगे तो वहां दाखिले के लिए जिला स्तरीय कमेटी और अभिभावकों की उपस्थिति में ड्रॉ निकाला जाएगा। आरटीई के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चे, एचआईवी प्रभावित बच्चे, विशेष जरूरत वाले बच्चे और युद्ध, विधवा के बच्चे दाखिले के पात्र हैं। आवेदन 15 से 21 अप्रैल तक किए जा सकेंगे। लाभार्थियों के दाखिले की अंतिम तिथि 25 अप्रैल होगी।

दस्तावेज सही नहीं होने पर एडमिशन रद्द
पहली सूची में शामिल बच्चों द्वारा दाखिला न लेने पर आरक्षित रिक्त सीटों पर प्रतीक्षा सूची के बच्चे 26 अप्रैल से एक मई तक दाखिले ले सकते हैं। यदि अभिभावक द्वारा दाखिले से संबंधित किसी भी प्रकार के दस्तावेजो एवं पोर्टल पर दर्ज कराई गई सूचना में भिन्नता पाई गई तो उसके लिए संबंधित जिला स्तरीय कमेटी निर्णय लेगी। दस्तावेज सही न होने पर बच्चे का दाखिला रद किया जा सकता है।

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