मुंगेर
मुंगेर से हवाई जहाज की सेवा शुरू होने के लिए सरकार की ओर से कवायद तेज कर दी गई है। एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) की टीम जल्द ही मुंगेर पहुंचेगी।
यहां उड़ान सेवा में आने वाले अड़चनों को देखेगी। इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करेगी। रिपोर्ट के बाद उड़ान सेवा शुरू कराने की कवायद होगी। दरअसल, मुंगेर देश-दुनिया में योगाश्रम, जमालपुर रेल कारखाना, चंडिका स्थान, सीताकुंड व आइटीसी के कारण प्रसिद्ध है।
आनंदमर्ग के संस्थापक आनंदमूर्ति उर्फ प्रभात रंजन सरकार की जन्मस्थली भी मुंगेर का जमालपुर ही है। ऐसे में विश्व के विभिन्न हिस्से से हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में सैलानी योगाश्रम तथा जमालपुर का भ्रमण करने आते हैं। अभी यहां पहुंचने के लिए रेल और सड़क मार्ग ही है। सफियाबाद स्थित हवाई अड्डा से हवाई सेवा शुरू करने की मांग वर्षों से उठती रही है। इसी वर्ष तीन मार्च को राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए बजट में मुंगेर से 19 सीट वाला छोटा विमान उड़ाने पर मुहर लगी।
बजट में उड़ान योजना के तहत मुंगेर सहित राज्य के चार शहरों में हवाई अड्डे को विकसित करने की बात कही गई थी। दो दिन पूर्व कैबिनेट की बैठक में भी मुंगेर से हवाई सेवा शुरू कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने पहल की। यहां से तत्काल 19 सीटों तक की क्षमता वाले छोटे विमानों के संचालन के लिए खाका तैयार किया जा रहा है। बड़े उड़ान के लिए रनवे कमसे कम 12 सौ मीटर होना जरूरी है, वर्तमान में हवाई अड्डे का रनवे आठ सौ मीटर है।
अभी चुनावी सभा में उतरता है हेलिकॉप्टर
सफियाबाद में बने हवाई अड्डा के मैदान पर प्रधानमंत्री सहित कई दिग्गज नेताओं का हैलीकाप्टर उतरता रहा है। यहां से नियमित हवाई उड़ान शुरू होने का सपना अब तक साकार नहीं हो सका। इस बीच राज्य सरकार की ओर से मुंगेर से छोटा विमान सेवा शुरू किए जाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में शहरवासियों में एक आस जगी है।
आठ करोड़ से रनवे व लाउंज विकसित
सफियासराय स्थित हवाई अड्डा का रनवे और लाउंज के निर्माण पर करीब आठ करोड़ रुपये खर्च किया गया। बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया।
इसके बाद उड्डयन विभाग की टीम ने भी हवाई अड्डा का जायजा लिया। सूत्रों की माने तो हवाई अड्डा का रनवे तय मानक के छोटा है। इस कारण हवाई सेवा की शुरुआत नहीं हो सकी।
पशुओं का चारागाह बना एयरपोर्ट
सफियासराय में बना एयरपोर्ट पालतू पशुओं के चारागाह में तब्दील हो गया है। नवसिखिए वाहन चालक रनवे पर बाइक या फिर चारपहिया वाहन सीखते हैं।
चारदीवारी को जगह-जगह पर स्थानीय लोगों ने तोड़कर रास्ता बना लिया है। फिलहाल मैदान टहलने, खेल, चारागाह, ड्राइविग सिखने आदि के काम में आ रहा है।
हवाई सेवा शुरू होने से दूसरे शहरों से बढ़ जाएगी कनेक्टविटी
जिले वासियों को इसी वर्ष एक बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद
19 सीट वाला जहाज उड़ाने का है प्रस्ताव
800 मीटर है वर्तमान हवाई अड्डे का रनवे
1200 मीटर बड़े जहाज के लिए है जरूरी