यमुनानगर
मानसून सीजन में लबालब पानी से भरा हथिनीकुंड बैराज पर अब जल संकट गहरा गया है। हथिनीकुंड बैराज के पास से पानी का जलस्तर इतना कम हो गया है कि जमीन भी दिखने लगी है। हथिनीकुंड बैराज पर पानी की कमी वजह उत्तराखंड और हिमाचल में लगातार हो रही गर्मी है। गर्मी की वजह से हथिनीकुंड बैराज पर पानी कम हो गया है।
सिंचाई विभाग के एक्सईएन विजय गर्ग ने बताया कि 3000 क्यूसेक पानी ही अधिकतम दर्ज किया जा रहा है, न्यूनतम पानी 1200 क्यूसेक भी रिकॉर्ड किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में यूपी की तरफ जो पानी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 1500 क्यूसेक दिया जाता था। वह भी अब कम हो रहा है जबकि यमुना नहर में 9000 क्यूसेक पानी दिया जाता था उसे भी कम पानी ही डायवर्ट किया जा रहा है। ऐसे में यमुना नहर भी पूरी तरह से सूख चुकी है। इसी वजह से हाईडल प्रोजेक्ट पर बने बिजली प्रोजेक्ट पर भी बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में जल संकट और गहरा सकता है और उत्तर प्रदेश को डाइवर्ट किए जाने वाले पानी की क्षमता भी कम हो सकती है।