भोपाल
मध्य प्रदेश के भोपाल सेंट्रल जेल के एक आर्डर पर बवाल खड़ा हो गया है. जेल के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है जिसके मुताबिक ईद पर हर साल होने वाली खुली मुलाकात अब नहीं हो सकेगी. जेल प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला दिया है, जिसपर सियासी हलचल मच गई है. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने चिट्ठी लिखकर फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. बता दें कि रक्षाबंधन, होली और ईद जैसे त्योहारों पर हर साल सेंट्रल जेल में खुली मुलाकात होती है जिसमें कैदी अपने परिजनों साथ समय बिता सकते हैं. उनके साथ खाना पीना खा सकते हैं और त्योहार मना सकते हैं.
फैसले के पीछे क्या है कारण
जेल प्रशासन के इस फैसले पर भोपाल सेंट्रल जेल के SP राकेश कुमार भांगरे ने कहा कि भोपाल सेंट्रल जेल में बड़े स्तर पर तीन जगह पर निर्माण कार्य चल रहा है. पहला जहां सिमी के आतंकी के फरार होने की पूर्व में घटना हुई थी, वहां अंडा सेल के सामने 150 मीटर की दीवार का निर्माण कार्य चल रहा है.
दूसरा हमने HUT, PFI और ISI बंदी रखे सामने वाली बैरिक में निर्माण कार्य चल रहा है. तीसरा जहां सिमी संगठन के लोगों और गंभीर आरोपी रखे हुए हैं वहां पर नए सेल का निर्माण हो रहा है. भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी समेत अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के लोग हैं. जेल में करीब 3400 कैदी हैं, जिनको जेल के मुख्य लाल गेट के पास लाकर मुलाकात कराना सुरक्षा की दृष्टि से संभव नहीं है.
फैसले को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने
इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज जेल डीजी से मुलाकात करने पहुंचे, हफीज़ का कहना है कि अगर रक्षाबंधन पर खुली मुलाकात होती है, तो ईद पर क्या समस्या है. ईद पर मुलाकात बंद करना संविधान के खिलाफ है. कांग्रेस नेता ने जेल डीजी को ज्ञापन सौंपते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है.
वही इस फैसले पर कांग्रेस की आपत्ति को लेकर भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि क्या कांग्रेस जेल की सुरक्षा से समझौता करना चाहती है, भोपाल में पहले भी जेल ब्रेक जैसी घटना हो चुकी है और यहां कई खूंखार आतंकी बंद है जिसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है, लेकिन कांग्रेस इस पूरे मामले में राजनीति कर रही है, जबकि मामला सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. बता दें कि भोपाल सेंट्रल जेल में 800 से अधिक मुस्लिम कैदी हैं, जो इस साल जेल में चल रही निर्माण कार्य की वजह से अपने परिजनों से ईद में खुली मुलाकात नहीं कर सकेंगे.