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मैट्रिक बोर्ड के हिंदी और विज्ञान के पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद राज्य में मचा बवाल, पेपर की कीमत मात्र 350

रांची
झारखंड में मैट्रिक बोर्ड के हिंदी और विज्ञान के पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद राज्य में बवाल मच गया है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने दोनों पत्रों की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। इसी बीच, पेपर लीक को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। छात्रों और अभिभावकों की मानें तो दोनों पत्रों के पेपर व्हाट्सएप ग्रुप में मात्र 350 रुपए में बेचे गए थे। प्रिंस नामक एक शख्स ने क्यूआर कोड के जरिए पैसे की वसूली की थी।

कोडरमा और गिरिडीह जिले में परीक्षा के पेपर वायरल होने की सूचना सबसे पहले आई थी। पलामू और रांची में भी पेपर की प्रतिलिपि व्हाट्सएप पर घूम रही थी।
छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो ने काउंसिल के सचिव जयंत मिश्र से 19 फरवरी को मुलाकात कर इसकी लिखित शिकायत करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।दूसरी तरफ, काउंसिल ने ऐसी खबरों को भ्रामक करार दिया था।

कोडरमा से मिली सूचना के अनुसार, जैक बोर्ड एग्जामिनेशन नाम से बाकायदा एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दो-तीन दिन पहले इससे जुड़ने के लिए लिंक भेजा जा रहा था। ग्रुप से जुड़ने के बाद प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के बदले क्यूआर कोड से 350 रुपए मांगे गए थे। प्रश्न पत्र के पीडीएफ को अनलॉक करने के लिए पासवर्ड बनाया गया था। जिन लोगों ने रुपए का भुगतान किया, उन्हें पासवर्ड उपलब्ध कराया गया था।

गुरुवार को पहली पाली में जब 9.45 बजे सुबह विज्ञान के पेपर बंटे तो यह पहले से वायरल प्रश्न पत्र से हूबहू मिल गया। कई केंद्रों से इसकी पुष्टि के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना तत्काल राज्य सरकार को दी गई। इसके बाद मुख्य सचिव ने इस मुद्दे पर हाई लेवल आपात मीटिंग की। झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि पेपर लीक की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने दसवीं बोर्ड के विज्ञान और हिंदी के पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद दोनों विषयों की परीक्षा रद्द कर दी है। हिंदी (कोर्स ए और बी) की परीक्षा 18 फरवरी को ली गई थी, जबकि विज्ञान की परीक्षा 20 फरवरी को पहली पाली में आयोजित की गई थी।

झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष के आदेश से सचिव की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि इन दोनों पत्रों की पुनर्परीक्षा की तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी। 19 फरवरी को विज्ञान का प्रश्न पत्र वायरल हो रहा था। इसकी प्रतिलिपि लेकर छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने बुधवार को काउंसिल के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। गुरुवार को सुबह 9.45 बजे जब परीक्षा शुरू हुई तो पेपर हू-ब-हू वही था, जो पहले से वायरल हो रहा था। इसकी जानकारी तत्काल राज्य सरकार को दी गई, जिसके बाद पेपर रद्द करने की प्रशासनिक कवायद चल रही है। काउंसिल के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि पेपर कैसे लीक हुआ, इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की जाएगी।

पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस मुद्दे पर गुरुवार दोपहर हाई लेवल मीटिंग की। सरकार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके पहले हिंदी का प्रश्न पत्र लीक होने की भी पुरजोर चर्चा थी। छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने काउंसिल के सचिव को सौंपे गए एक ज्ञापन में भी इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, उस वक्त काउंसिल ने आम सूचना जारी कर परीक्षार्थियों से प्रश्न पत्र वायरल होने की अफवाहों से दूर रहने की अपील की थी।

जैक सचिव की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि अभ्यर्थियों को भ्रामक खबरों से बचना है। परिषद पूरी गोपनीयता और निष्पक्षता के साथ पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कहा गया था कि प्रश्न पत्र लीक होने की भ्रामक खबरें फैलाकर असामाजिक तत्व छात्रों और अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी किसी भी खबर की पुष्टि के लिए जैक की आधिकारिक वेबसाइट को देखने की सलाह दी थी। राज्य में दसवीं की परीक्षा 11 फरवरी से शुरू हुई है। इसके लिए राज्य भर में 1,297 केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 4,33,890 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।

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