राजसमंद
राजसमंद जिले के ऐतिहासिक स्थल हल्दीघाटी में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुक्रवार से तीन दिवसीय मेले का भव्य आगाज हुआ। आयोजन की शुरुआत रक्त तलाई में पुष्पांजलि अर्पित कर की गई, जिसके बाद पारंपरिक शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा रक्त तलाई से प्रारंभ होकर खमनोर होते हुए अरण्य बाग तक पहुंची। इसमें महाराणा प्रताप और उनके सहयोगियों की वेशभूषा में सजे कलाकारों ने भाग लिया। मार्ग भर लोगों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। अरण्य बाग में मेले का विधिवत शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर आयोजित समारोह में अतिथियों ने महाराणा प्रताप की वीरता और बलिदान को याद करते हुए हल्दीघाटी के विकास और मेले को और अधिक भव्य रूप देने पर विचार साझा किए।
कार्यक्रम में अश्व प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय युवाओं ने उत्साह से भाग लिया। इसके अलावा बाल कलाकारों की ओर से प्रस्तुत किए गए पारंपरिक नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।
इस आयोजन में बड़ी संख्या में ग्रामीण, स्थानीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि हल्दीघाटी वही ऐतिहासिक भूमि है, जहां महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर की सेनाओं के बीच प्रसिद्ध युद्ध हुआ था। महाराणा प्रताप ने लंबे समय तक इसी क्षेत्र की पहाड़ियों में वीरता और आत्मबल के साथ संघर्ष किया था। इस तीन दिवसीय आयोजन के माध्यम से न केवल महाराणा प्रताप के पराक्रम को स्मरण किया गया, बल्कि नई पीढ़ी को उनके जीवन मूल्यों और राष्ट्रभक्ति से प्रेरित करने का प्रयास भी किया गया।