जयपुर
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत अपात्र लाभार्थियों को सूची से बाहर करने के लिए चलाए जा रहे गिवअप अभियान को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। अब तक जिन लोगों ने स्वेच्छा से योजना से नाम नहीं हटाया है, उनके लिए यह अंतिम चेतावनी है। सरकार ने साफ किया है कि 30 अप्रैल तक जो लोग खुद सामने आकर नाम हटा लेंगे, उनसे किसी भी प्रकार की पेनल्टी नहीं वसूली जाएगी लेकिन इसके बाद पकड़े जाने पर उन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की कीमत 27 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चुकानी होगी, साथ ही उस पर ब्याज भी जोड़ा जाएगा।
गौरतलब है कि इस अभियान के तहत अब तक 17 लाख 63 हजार से ज्यादा अपात्र लोग स्वेच्छा से सूची से हट चुके हैं। वहीं दूसरी ओर 20 लाख 80 हजार से अधिक नए पात्र लोगों को सूची में जोड़ा गया है। इससे यह साफ हो गया है कि सरकार की इस कार्रवाई से जरूरतमंदों को राहत मिलने लगी है और वे अब इस योजना का वास्तविक लाभ उठा सकेंगे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी, अर्द्ध सरकारी या स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारी, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से अधिक है, पेंशनधारी, आयकरदाता और जिनके पास निजी चौपहिया वाहन हैं, वे इस योजना के दायरे से बाहर हैं। विभाग ऐसे लोगों से अपील कर रहा है कि वे खुद आगे आकर योजना से नाम हटाएं, वरना कार्रवाई तय है।
अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने सूची से नाम नहीं हटाया है। विभाग ने इनकी सूचियां संबंधित विभागों को भेज दी हैं। अब इनसे वसूली की रकम सीधे मासिक वेतन से काटने की तैयारी है। इससे साफ संकेत मिल रहा है कि सरकार इस बार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।
इस मामले में सरकार का साफ संदेश है कि जो खुद हटे, वो बचे, जो पकड़े गए, वो चुकाएं। गिवअप अभियान अब अपने अंतिम चरण में है और सरकार की नजरें उन सभी पर टिकी हैं, जो अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ उठा रहे हैं।