यमुनानगर
एक मुस्लिम महिला के लिए " तीन तलाक " उस वक़्त मौत का सबब बन गया है, ज़ब मुस्लिम महिला शमीना के पति ने उसको तीन तलाक देकर उसके सरकारी दस्तावेजों से उसका नाम काटने के चक्कर में महिला को मृत घोषित करके उसका डेथ सर्टिफिकेट तक बनवा दिया। अब ये महिला अपने आपको जिन्दा साबित करने के लिए विभागों के चक्कर काट काट कर थक चुकी, अब अंत में यह महिला जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ओर पुलिस अधीक्षक यमुनानगर के पास इस उम्मीद से अपनी गुहार लेकर पहुंची है कि उसको न्याय मिलेगा।
पीड़िता का आरोप है कि उसके पति ने उसे " तीन तलाक " देकर घर से निकाल दिया और फिर ससुर व अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के सरसावा स्वास्थ्य केंद्र से उसके नाम पर फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवा दिया । इसके बाद उसकी पहचान से जुड़े सभी सरकारी दस्तावेजों — परिवार पहचान पत्र, राशन कार्ड, आदि से उसका नाम कटवा दिया गया और उसकी जगह वह जाली मृत्यु प्रमाण पत्र लगा दिया गया।
शमीना ने जिला प्रशासन को बताया कि वह पूरी तरह जीवित है और जिन्दा होकर भी आज न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। उसने जिला उपायुक्त को अपना जीवित होने का प्रमाण प्रस्तुत करते हुए मांग की है कि इस षड्यंत्र में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़िता का कहना है कि इस तरह से किसी जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करना न सिर्फ अमानवीय कृत्य है, बल्कि यह एक गंभीर अपराध भी है। उसने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द इस मामले में सच्चाई उजागर करेगा और उसे न्याय दिलाएगा।