उदयपुर
शहर में सिविक सेंस, ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान का आयोजन किया गया। गुलाबबाग में बर्ड पार्क के सामने स्थित बावड़ी, जो लंबे समय से उपेक्षा का शिकार थी, को स्वच्छ बनाने के लिए युवाओं ने श्रमदान किया। यह अभियान लगभग 4 घंटे तक चला, जिसमें दर्जनों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सार संवाद द्वारा शुरू की गई इस मुहिम में स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। श्रमदान के दौरान एक ट्रैक्टर कचरे का ढेर बाहर निकाला गया और बावड़ी को पूरी तरह साफ किया गया। इस नेक पहल में यूआईटी के पूर्व चेयरमैन रविंद्र श्रीमाली सहित कई शहरप्रेमी भी शामिल हुए और युवाओं का उत्साहवर्धन किया।
सार संवाद का प्रयास
सार संवाद ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस अभियान की शुरुआत की थी। संयोजक अविचल दूबे ने बताया कि इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य उदयपुर की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और पर्यावरण बचाने के लिए लोगों की सहभागिता को प्रोत्साहित करना है। भविष्य में शहर के अन्य इलाकों की बावड़ियों को भी इसी तरह साफ-सुथरा करने का संकल्प लिया गया है।
बावड़ियों का महत्व
पर्यावरणीय दृष्टि से बावड़ियाँ जल संरक्षण का एक उत्कृष्ट माध्यम हैं। खासकर गर्मियों में पानी की कमी को पूरा करने में ये एक प्रभावी विकल्प साबित हो सकती हैं। इसके अलावा, भारतीय वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण होने के कारण ये ऐतिहासिक बावड़ियाँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी हैं। उनकी कलात्मक संरचनाएँ और सुंदर आकृतियाँ अद्वितीय हैं। ऐसे में इनका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है।
सार संवाद: एक संवाद मंच
सार संवाद एक ऐसा मंच है, जो स्थानीय नागरिकों को एकजुट कर शहर की समस्याओं पर चर्चा और समाधान निकालने के लिए प्रेरित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य सामूहिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाना है। सार संवाद की सोच है कि जब लोग खुलकर संवाद करेंगे, तो समस्याओं का समाधान भी निकल सकेगा। शहीद दिवस पर इस अभूतपूर्व अभियान ने शहरवासियों को न केवल जागरूक किया, बल्कि पर्यावरण और धरोहर संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक संदेश भी दिया।