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प्रदेश के कई जिलों में पानी का संकट बरकरार, हालत न सुधरी तो बढ़ेगी परेशानी, तरसे लोग

हिसार
प्रदेश के कई जिलों में पानी का संकट बरकरार है। हिसार और फतेहाबाद क्षेत्र के जलघरों में पानी का अच्छा खासा भंडारण होने से फिलहाल जलसंकट की स्थिति नहीं है। भिवानी में जरूरत से कम पानी उपलब्ध हो रहा है, स्थिति न सुधरी तो जलसंकट गहरा सकता है। रोहतक और रेवाड़ी पानी का संकट बना हुआ है। रेवाड़ी में अब एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई होगी। रोहतक में पानी की कमी है। इन दिनों एक समय ही पानी की आपूर्ति हो रही है। उधर, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और करनाल में जलसंकट नहीं है।

हिसार के सभी जलघरों में 70 से 90 प्रतिशत तक पानी भरा हुआ है। नहरों में पानी की आपूर्ति चल रही है। हिसार को अभी 600 क्यूसेक पानी मिल रहा है। 20 मई के बाद पानी की आपूर्ति 1400 क्यूसेक तक होने की संभावना है। इसके बाद ही पानी सिंचाई के लिए मिलेगा। भिवानी जिले में एक सप्ताह बाद नहरों में पानी आएगा। फिलहाल जलघर के टैंकों के अंदर चार से पांच दिन पानी की आपूर्ति राशनिंग से किए जाने का भंडारण है। ग्रामीणक्षेत्र के जलघर टैंकों में भी पानी का भंडारण कम बचा है। इससे कई गांवों में पीने के पानी का भी संकट बना है। सिंचाई विभाग ने गर्मी में 2250 क्यूसेक पानी की डिमांड की है। यमुना का जल स्तर गिरा हुआ है।

अंबाला नहर में 24 अप्रैल से लगातार 1200 क्यूसेक पानी आ रहा है। अभी जिले में कोई जलसंकट नहीं है। उधर, यमुनानगर जिले में भी पानी की समस्या नहीं है। यमुना नदी पर बने हथिनीकुड बैराज से शहर को पर्याप्त पानी मिल रहा है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन विजय गर्ग का कहना है कि नहर से शहर को पर्याप्त पानी मिल रहा है। शहर में पानी की समस्या नहीं है। शहर में वीरवार को जेएलएन (जवाहर लाल नेहरू) नहर से जलापूर्ति बंद हो गई। शहर के मुख्य चारों जलघरों में करीब 50-70 प्रतिशत पानी स्टोर हो चुका है। सोनीपत के खूब हेड से बौएसबी नहर में पानी छोड़ा जा चुका है। शुक्रवार तक शहर में पानी पहुंच जाएगा। फिलहाल, शहर में एक समय जलापूर्ति की जा रही है।

फतेहाबाद जिले के लिए टोहाना हेड से 1525 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। टोहाना से जिले की सात नहरें निकलती हैं, इनमें से तीन में पानी चल रहा है। भाखड़ा मेन ब्रांच में 750, फतेहाबाद ब्रांच में 760, समैन डिस्ट्रीब्यूट्री में 15 क्यूसेक पानी चल रहा है। नहरों में बारी-बारी से पानी छोड़ा जा रहा है। जिले में 21 मई से सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की उम्मीद है। जिले के सभी जलघरों में वर्तमान में पानी के टैंक भरे हुए हैं चरखी दादरी जिले को इस बार 16 के बजाय 18 दिन नहरी पानी मिला है। सभी जलघरों में पर्याप्त मात्रा में पानी भर गया है। अब 20 दिन पेयजल संकट के आसार नहीं है।सिंचाई विभाग को पानी कम होने की वजह से बारी-बारी से जिले की नहरों में पानी छोड़ना पड़ा।

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