वाशिंगटन डेस्क/ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा को अमेरिका और उसके हितों के लिए खतरा बताया। वाशिंगटन में गुरुवार को व्हाइट हाउस की ओर से जारी आतंकवाद रोधी राष्ट्रीय नीति में कहा गया कि बब्बर खालसा भारत और अन्य जगहों पर आतकंवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है और इसन कई निर्दोषों की जान ली है।”
ट्रंप प्रशासन की ओर से जो सूची जारी की गई है, उसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का भी नाम है, जो अमेरिका के लिए संभावित खतरा हैं। अमेरिकी विदेश और वित्त विभागों ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल और अंतर्राष्ट्रीय सिख युवा संघ को 2002 में और लश्कर-ए-तैयबा को 2001 में आतंकवादी संगठनों के रूप में सूचीबद्ध किया था।
इस दस्तावेज को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने जारी किया। उन्होंने न सिर्फ आतंकवादियों को अमेरिका के लिए सीधा खतरा बताया बल्कि विदेशों में अलगाववादी गतिविधियोंको भी खतरा बताया जो समाज में हिंसा और अस्थिरता लाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, इसका प्राथमिक फोकस इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल कायदा और उनके सहयोगियों और ईरान से जुड़े आतंकवादी समूहों पर था।