लंदन डेस्क/ ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेक्जिट प्रस्ताव के संसद का समर्थन हासिल करने में नाकाम रहने के बाद हाउस ऑफ कॉमन्स में बुधवार रात को ब्रिटिश सांसदों द्वारा प्रस्तावित आठ ब्रेक्जिट विकल्पों पर हुए सिलसिलेवार मतदान में कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया।
ब्रिटिश सांसदों द्वारा प्रस्तावित विकल्प ईयू को छोड़ने की योजना के तरीके पर आम सहमति हासिल करने के उद्देश्यों से पेश किए गए थे। हालांकि, हाउस ऑफ कॉमन्स में आठ में से किसी भी विकल्प को समर्थन नहीं मिला। इनमें ईयू से अलग होने लेकिन कस्टम यूनियन में बने रहने का प्रस्ताव और ईयू को छोड़ने के समझौते पर ताजा जनमत संग्रह कराने का प्रस्ताव भी शामिल था।
सांसदों ने बिना किसी समझौते के 12 अप्रैल को ईयू से अलग होने के प्रस्ताव को 160 के मुकाबले 400 वोटों से खारिज कर दिया। इसके अलावा ब्रेक्जिट के बाद भी ब्रिटेन के कस्टम्स यूनियन में स्थायी तौर पर बने रहने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया। इसके पक्ष में 264, जबकि विरोध में 271 वोट पड़े।
इसके अलावा, सांसदों ने ब्रेक्जिट पर ताजा जनमत संग्रह के प्रस्ताव को 268 के मुकाबले 295 वोटों से खारिज कर दिया। इससे पहले थेरेसा मे ने सांसदों से कहा था कि अगर ब्रिटिश संसद उनके ब्रेक्जिट प्रस्ताव को समर्थन दे तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। मे के प्रस्ताव को सांसदों द्वारा दो बार खारिज किया जा चुका है। टोरी सांसदों से अपनी ब्रेक्जिट डील को समर्थन देने की अपील करते हुए थेरेसा ने कहा ने कहा है कि उनकी डील को समर्थन मिलने पर वह पद छोड़ देंगी।