बीजिंग डेस्क/ चीन ने हाल ही में समाप्त हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर भारत, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय मुलाकात को लेकर सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर क्षेत्र की शांति भंग न हो तो तो बीजिंग को इस प्रकार की मुलाकात से कोई दिक्कत नहीं है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अर्जेनटीना के ब्यूनस आयर्स में मुलाकात की। यह बैठक चीन के बढ़ते प्रभाव की पृष्ठभूमि के खिलाफ हुई है। यह तीन देश तथाकथित क्वाड का हिस्सा है, जिसका चौथा सदस्य ऑस्ट्रेलिया है।
मोदी, आबे और ट्रंप ने एक खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपील की, जहां चीन की मौजूदगी तेजी से बढ़ी है। तीनों नेताओं के बीच बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, “हम संबद्धित पक्षों के बीच सामान्य सहयोग के लिए हमेशा तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि ऐसे सहयोग इस क्षेत्र में पारस्परिक हित व सहयोग को बढ़ावा देंगे और क्षेत्र में शांति व समृद्धि के विकास को बढ़ावा देने में एक रचनात्मक भूमिका निभाएंगे।” जापान, अमेरिका और भारत के इस त्रिपक्षीय गठबंधन का लघुरूप ‘जेएआई’ है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “तीनों नेताओं ने वैश्विक स्थिरता, समृद्धि के लिए मुक्त और खुले हिंद प्रशांत विजन की महत्वता की पुष्टि की और त्रिपक्षीय सहयोग को गहरा करने का संकल्प लिया।”