चीन
चीन जल्द ही अपना नया एडवांस्ड ड्रोन मदरशिप जियु टियान लॉन्च करने वाला है। सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह ड्रोन जून के अंत तक अपनी पहली मिशन फ्लाइट पर रवाना होगा। इस मिशन के साथ ही चीन की लंबी दूरी की मानवरहित हवाई क्षमताओं में बड़ा इजाफा माना जा रहा है। इससे पहले भारत ने अपनी सुरक्षा तैयारियों का कड़ा संदेश देते हुए 'भार्गवास्त्र' नामक नई काउंटर-ड्रोन प्रणाली का सफल परीक्षण किया है।
क्या है चीन का 'जियु टियान'?
चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह मानवरहित हवाई वाहन अपनी पहली मिशन फ्लाइट जून के अंत तक भरेगा। ‘जियु टियान’ का अर्थ है “ऊंचा आकाश” और इसे शांक्सी अनमैन्ड इक्विपमेंट टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। यह UAV नवंबर 2024 में झुहाई एयर शो में पहली बार प्रदर्शित हुआ था। इसकी रेंज 7000 किमी है। इसकी उड़ान ऊंचाई 15000 मीटर है। अधिकतम टेक-ऑफ वजन 16000 किलोग्राम है। पेलोड क्षमता 6000 किलोग्राम है। यह एकसाथ 100 ड्रोन लॉन्च करने की क्षमता रखता है। यह क्रूज़ और PL-12E एयर-टू-एयर मिसाइल से लैस इस UAV की सबसे खास बात यह है कि इसे मिशन के अनुसार तेजी से बदला जा सकता है — चाहे वो सीमा सुरक्षा, समुद्री निगरानी, इमरजेंसी रेस्क्यू या सैन्य ऑपरेशन हो।
भारत का जवाब- 'भार्गवास्त्र'
चीन की इस तैयारी के बीच भारत ने भी अपनी नई कम लागत वाली काउंटर-ड्रोन तकनीक ‘भार्गवास्त्र’ का परीक्षण कर जवाब दे दिया है। यह परीक्षण ओडिशा के गोपालपुर में पिछले हफ्ते किया गया। 'भार्गवास्त्र' भारत की स्वदेशी विकसित की गई एक बहुस्तरीय काउंटर-ड्रोन प्रणाली है, जिसे खासतौर पर छोटे, झुंड में आने वाले और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन को मार गिराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह काउंटर ड्रोन रक्षा प्रणाली 6 से 10 किलोमीटर तक की दूरी पर ड्रोन को ट्रैक कर सकती है और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग या हार्ड किल तकनीक से निष्क्रिय कर सकती है। इसमें AI-आधारित ट्रैकिंग, RF रिसीवर, लेजर डिटेक्शन और इंटरसेप्शन सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल हैं। भारत के रक्षा अनुसंधान संगठनों द्वारा विकसित यह प्रणाली सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से तैनाती के लिए उपयुक्त मानी जा रही है।