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ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष को लेकर किसी भी तरह की शांति वार्ता में शामिल नहीं हैं , खबरें भी झूठी: डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों  और अमेरिकी मीडिया पर तीखा हमला बोला है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर)  पर दो पोस्ट करते हुए कहा कि वे ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष को लेकर किसी भी तरह की शांति वार्ता में शामिल नहीं हैं और इससे जुड़ी खबरें पूरी तरह "फर्जी" हैं।

ट्रंप का पहला पोस्ट: "मैक्रों को कुछ भी पता नहीं"
ट्रंप ने अपने पहले पोस्ट में लिखा: "पब्लिसिटी पाने की कोशिश कर रहे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गलती से कहा कि मैं G7 समिट (कनाडा) से वापस वॉशिंगटन इसलिए जा रहा हूं ताकि मैं ईरान और इज़राइल के बीच 'सीज़फायर' पर काम कर सकूं। यह पूरी तरह गलत है! उन्हें बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं कि मैं क्यों वॉशिंगटन लौट रहा हूं,लेकिन यह सीज़फायर से कहीं बड़ा मामला है।" ट्रंप ने आगे लिखा, "जानबूझकर या अनजाने में, मैक्रों हमेशा गलत साबित होते हैं। देखते रहिए!"

दूसरा पोस्ट: "ईरान से कोई संपर्क नहीं किया, सब फेक न्यूज है"
23 मिनट पहले किए गए दूसरे पोस्ट में ट्रंप ने लिखा: "मैंने ईरान से 'शांति वार्ता' के लिए किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं किया है, न तो सीधे, न ही किसी रूप में। यह पूरी तरह से गढ़ी हुई, झूठी खबर है! अगर ईरान बात करना चाहता है, तो उसे पता है मुझे कहां और कैसे संपर्क करना है।" "उन्हें पहले ही टेबल पर रखा गया प्रस्ताव मान लेना चाहिए था, इससे बहुत सी ज़िंदगियां बच जातीं!"
 
ट्रंप के बयान सुर्खियों में
ट्रंप के यह बयान ऐसे समय में आए हैं जब  इज़राइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर  है। हाल ही में ईरान ने इज़राइली शहरों पर मिसाइलें दागी थीं, वहीं इज़राइल ने तेहरान में कई सैन्य ठिकानों और सरकारी इमारतों को निशाना बनाया है। G7 समिट के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने संकेत दिया था  कि ट्रंप इस संघर्ष को शांत कराने के लिए मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ट्रंप ने इन दावों को न केवल झूठा बताया, बल्कि कहा कि  उनकी वॉशिंगटन वापसी का कारण “सीज़फायर से भी बड़ा मुद्दा” है हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया।ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान से किसी प्रकार की बातचीत नहीं कर रहे हैं  और मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे "शांति वार्ता" के दावों को पूरी तरह फर्जी खबर करार दिया है। इससे यह संकेत भी मिलता है कि आने वाले समय में ट्रंप किसी बड़े राजनीतिक ऐलान या योजना को सामने ला सकते हैं।

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