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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रोकी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, हमास के सामने रखी यह शर्त

यरूशलम
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई स्थगित करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जब तक हमास इजरायली बंधकों की रिहाई के दौरान अपने 'अपमानजनक समारोह' बंद नहीं कर देता तब तक यह रोक जारी रहेगी। गाजा युद्धविराम समझौते के तहत हमास ने शनिवार को 6 इजरायली बंधकों की रिहाई की जबकि इजरायल को 602 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना था।

नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, "हमास की ओर से बार-बार किए गए उल्लंघनों, जिनमें हमारे बंधकों को अपमानित करने वाले समारोह और प्रचार उद्देश्यों के लिए हमारे बंधकों का निंदनीय शोषण शामिल है, के मद्देनजर यह फैसला लिया गया कि शनिवार को होने वाली आतंकवादियों (फिलिस्तीनी कैदी) की रिहाई तब तक के लिए स्थगित रहेगी, जब तक कि अगले बंधकों की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती और रिहाई पर होने वाले अपमानजनक समारोह बंद नहीं होते।"

19 जनवरी को युद्ध विराम शुरू होने के बाद से, हमास ने 25 इजरायली बंधकों को रिहा किया है। लगभग सभी की एक सार्वजनिक समारोह में रिहाई हुई है जिन्हें इजरायल फिलिस्तीनी ग्रुप का प्रचार स्टंट बताता है। हालांकि शनिवार को बंधक हिशाम अल-सईद की रिहाई एक अपवाद रही। हमास ने बिना किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के उन्हें रेडक्रॉस को सौंप दिया। हिशाम रिहा होने वाले पहले मुस्लिम इजरायली हैं। हालांकि शनिवार सुबह हमास ने पांच बंधकों की रिहाई पूरे धूम-धाम से की थी।

हमास ने हिशाम अल-सईद को बिना किसी बड़े कार्यक्रम के रिहा करने का कोई कारण नहीं बताया। हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला करके 251 बंधकों को पकड़ लिया और लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था जिसके बाद युद्ध शुरू हो गया। गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के हमले में कम से कम 48,319 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजरायल के हमलों से गाजा की लगभग दो-तिहाई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई

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