World

जयशंकर ने कहा कि भारत की सुरक्षा चुनौतियां यूरोप के मुकाबले कहीं ज्यादा

नई दिल्ली

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ तनाव के मुद्दे पर उपदेश देने वाले यूरोपीय देशों को सुनाया है। एस. जयशंकर ने नीदरलैंड के एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि यूरोप के देश तो दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही स्थिरता और शांति के दौर में हैं। खासतौर पर 1991-92 के बाद से और ज्यादा अच्छी स्थिति रही है, लेकिन हम बीते 80 सालों से ऐसे संघर्ष को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप तो आतंकवाद को ही नकारते रहे हैं, लेकिन हम लगातार 8 दशक से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप जिस सच्चाई को देखकर अब जागे हैं, उसके बारे में हम बहुत दिनों से जानते हैं और उसका सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, 'हमारे पास दो कठिन पड़ोसी हैं- चीन और पाकिस्तान। हमारे लिए पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद वाली परेशानी हमेशा रही है। इसलिए हमने इस कठिन दुनिया में चुनौती को पूरी मजबूती के साथ झेला है। लेकिन मुझे लगता है कि यूरोप के देश तो इस समस्या से मुंह ही चुराते रहे हैं।' उनसे पत्रकार ने सवाल पूछा कि यदि पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव को समाप्त कर लिया जाए तो तीनों देश तेजी से आगे बढ़ेंगे। इस पर जयशंकर ने कहा कि आप ऐसा इसलिए कह पा रहे हैं क्योंकि यूरोप में बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा ही सुरक्षा चुनौतियों का सामना किया है। ऐसे में हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा आर्थिक समृद्धि और स्थिरता से भी पहले का मसला है।

जयशंकर ने कहा कि भारत की सुरक्षा चुनौतियां यूरोप के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि इसी स्थिति के चलते हमें सुरक्षा को प्राथमिकता देनी पड़ती है। आज आप समझ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'आपकी (यूरोप) स्थिति दूसरे विश्व युद्ध के बाद से ही शांतिपूर्ण और स्थिरता वाली रही है।
आप आज रियलटी चेक कर रहे, हम 8 दशकों से ऐसे ही हैं

विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोप में खासतौर से 1991-92 के बाद तो स्थिति और सुधर गई। आपका यह अच्छा भाग्य रहा कि भू-राजनीतिक तौर पर आपको अच्छे हालात मिले। इसलिए आपने यह सोचा कि सब कुछ नॉर्मल है। हमारी स्थिति ऐसी नहीं है।' उन्होंने कहा कि हालांकि आज यूरोप रियलटी चेक कर रहा है। हम इस रियलटी के साथ तो बीते 8 दशकों से जी रहे हैं। इसलिए हमारे पास सुरक्षा को मजबूत करने से पहले कोई और चॉइस ही नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *