रूस
रूस-यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए तीन साल से ज्यादा समय हो चुका है। यूक्रेन की मदद कर रहे अमेरिका के पीछे हटने के साथ ही युद्ध में शांति के आसार नजर आने लगे हैं। लेकिन ऐसे समय में रूस और अमेरिका के बीच भी थोड़ी तनातनी देखने को मिल रही है। क्रेमलिन की तरफ से कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन शांति समझौते के लिए तैयार हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ। इससे पहले, ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए लगातार रूस की तरफ से शांति के प्रयासों पर सहमति की बात कही है। लेकिन कल ट्रंप की इन बातों के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए। राष्ट्रपति ट्रंप से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने रूस पर भरोसा जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति पुतिन शांति समझौता चाहते हैं। लेकिन शुक्रवार की सुबह ही राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को युद्ध न रोकने की स्थिति में तमाम तरह के टैरिफ लगाने की धमकी भी दे डाली।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रुथ सोशल पर रूस को आड़े हाथों लेते हुए ट्रंप ने लिखा कि हम शांति की बात कर रहे हैं और रूस यूक्रेन को मिसाइलों और गोला-बारूद से भरता जा रहा है। इसका जवाब देने के लिए हम रूस पर कई तरह के प्रतिबंध और लगाने जा रहे हैं। यूक्रेन और रूस दोनों पक्षों के लिए हमारा एक ही संदेश है कि जल्दी से जल्दी आप बातचीत की टेबल पर आइए और शांति स्थापित कीजिए।
इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए रूस की तरीफ भी की थी। उन्होंने कहा कि हम रूस के साथ शांति वार्ता के लिए अच्छे तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हम जल्दी ही शांति तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि रूस से बातचीत करना यूक्रेन से बातचीत करने की तुलना में अधिक आसान है।
दूसरी तरफ अमेरिका और रूस का बढ़ता याराना यूक्रेन के लिए डर पैदा कर रहा था, लेकिन ट्रंप के रूस को टैरिफ लगाने की धमकी देना शायद कुछ राहत दे। हालांकि कीव में इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक रूस शांति समझौते के लिए नए मापदंड तय करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए उसने अपने हमले तेज कर दिए हैं। समझौते के दौरान रूस इस बात पर जोर देगा कि वह जीती हुई जमीन के किस हिस्से को अपने पास रखेगा।
इससे पहले, जेलेंस्की से ट्रंप की बहस के बाद अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारी इस युद्ध के सिलसिले में मंगलवार को सऊदी अरब में मिलने की तैयारी कर रहे हैं। यूक्रेन के लिए इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संबंधों को बेहतर करके अमेरिका से हथियार और खुफिया जानकारी की सुविधा वापस हासिल करना और भविष्य के लिए दोनों देशों की साझेदारी को आकार देना है। वहीं अमेरिका शांति के लिए प्रयास करेगा, जैसा की राष्ट्रपति ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि वह केवल शांति चाहते हैं।
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में हुई पिछली मीटिंग के दौरान ही रूसी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने अस्थाई शांति का प्रस्ताव रखा था, जिससे आगे स्थाई शांति का स्थापित किया जा सके। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक अमेरिका और रूस दोनों ही यहां पर यु्द्ध को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार थे।