बीजिंग डेस्क/ अमेरिकी संसद ने ‘2019 तिब्बत नीति और समर्थन अधिनियम’ पारित किया। इस बात को लेकर चीनी विदेश प्रवक्ता ह्वा छुन ईंग ने कहा कि इससे अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन किया गया और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की गई।
चीन इसका विरोध प्रकट करता है। प्रवक्ता ने कहा कि तिब्बत का मामला चीन का अंदरूनी मामला है। बीते साठ सालों में तिब्बत में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास हुआ है। तिब्बती लोग केंद्र सरकार और स्वायत्त प्रदेश की सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं और वे पूरे देश की जनता के साथ-साथ खुशहाल समाज के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि तिब्बत से जुड़ा सवाल कोई जातीय और धार्मिक सवाल नहीं है। मानवाधिकार सवाल भी नहीं है। हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास तथा तिब्बती सवाल की संवेदनशीलता की स्पष्ट जानकारी लेकर चीन के अन्दरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करे।