इस्तांबुल डेस्क/ तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा है कि वह पत्रकार जमाल खशोगी की मौत के पूरे सच का खुलासा कुछ दिनों के भीतर कर देंगे। सऊदी अरब का कहना है कि वह नहीं जानता कि खशोगी का शव कहां है और वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को खशोगी की हत्या की किसी योजना के बारे में पता नहीं था।
एर्दोआन ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब सऊदी अरब के अधिकारियों ने माना है कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हुए एक ‘झगड़े’ में खशोगी की मौत हो गई। राष्ट्रपति ने इस्तांबुल में एक रैली में कहा, ‘‘हम यहां इंसाफ तलाश रहे हैं और सच का खुलासा हो जाएगा। यह मामूली कदमों से नहीं बल्कि पूरे सच के जरिए होगा।’’
वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार खशोगी की मौत के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक की सबसे तीखी टिप्पणी करते हुए सऊदी अरब पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल अल-जुबैर ने रविवार को खशोगी के मारे जाने को ‘‘बड़ी गलती’’ करार दिया और कहा कि यह ऐसे लोगों का ‘‘शैतानी अभियान’’ था जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी की सीमा से आगे बढ़कर काम किया और ‘‘इसे दबाने की कोशिश की।’’
जुबैर ने एक इंटरव्यू में जोर देकर कहा कि वली अहद मोहम्मद बिन सलमान ने खशोगी को मारने और फिर ‘‘मामले को दबाने’’ के आदेश नहीं दिए थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि शव कहां है।’’ अब तक सीधे तौर पर सऊदी अरब को जिम्मेदार करार नहीं देने वाले एर्दोआन ने रविवार को ट्रंप से फोन पर बातचीत की। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि खशोगी मामले में ‘‘हर पहलू पर’’ स्पष्टीकरण की जरूरत है। तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
एर्दोआन मंगलवार को तुर्की की संसद में इस बाबत बयान दे सकते हैं। तुर्की के अधिकारियों ने कहा है कि उनका मानना है कि दो अक्टूबर को दो विमानों में सवार होकर इस्तांबुल पहुंचे सऊदी अरब के 15 लोग खशोगी की मौत से जुड़े हैं। सऊदी अरब ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि जिन 15 लोगों के बारे में कहा जा रहा है, उनमें एक की मौत कई साल पहले कार हादसे में हो चुकी है।