TIL Desk हरदोई:समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को 17 महीने बाद मंगलवार को हरदोई जेल से रिहा कर दिया गया है। उनकी रिहाई के बाद जेल के बाहर समर्थकों और समाजवादी पार्टी के नेताओं का जमावड़ा लग गया। मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा भी हरदोई पहुंचीं और इस फैसले पर खुशी जताई। हालांकि, अब्दुल्ला आजम बिना किसी से मुलाकात या मीडिया से बातचीत किए बिना सीधे रामपुर के लिए रवाना हो गए।
हरदोई जेल में बंद अब्दुल्ला आजम खान की रिहाई का आदेश सोमवार को रामपुर से एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल अदालत से जारी किया गया था। आदेश मिलने के बाद जब उनकी रिहाई की खबर फैली, तो बड़ी संख्या में समर्थक जेल के बाहर एकत्र हो गए। रिहाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब्दुल्ला आजम खान मंगलवार को जेल से बाहर आए। हालांकि वह किसी से बातचीत किए बिना काफिले के साथ रवाना हो गए।
मुरादाबाद सांसद ने कहा कि न्यायपालिका पर पहले भी भरोसा था और अब भी है। उन्होंने कहा, “हम न्यायपालिका का धन्यवाद करते हैं। जमानत तो छह दिन पहले मिल गई थी, लेकिन अब जाकर प्रक्रिया पूरी हुई है। न्याय मिला है और आगे भी न्याय मिलेगा।”
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा। हरदोई में सपा के जिला अध्यक्ष शराफत अली ने कहा, “पूरा परिवार प्रताड़ना झेल रहा था। अब्दुल्ला आजम खान को आखिरकार जमानत मिली है। हमें न्यायपालिका पर भरोसा था, और ऊपर वाला भी इंसाफ करता है।”
सपा के वकील ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पूरे परिवार को परेशान करने के इरादे से जेल भेजा गया था। उन्होंने कहा, “यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित था। लेकिन अब न्याय मिल रहा है और यह साबित हो गया कि सरकार ने गलत तरीके से कार्रवाई की थी।”
रिहाई के बाद जेल के बाहर समर्थकों में खुशी की लहर देखी गई। हरदोई जेल के बाहर मौजूद सपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं और जश्न मनाया। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।